पंडित प्रदीप मिश्रा कुछ दिन पहले नारियल लगने से अस्वस्थ हो गए थे. इस दौरान वे शिवमहापुराण कथा का वाचन नहीं कर रहे थे. उन्हें डॉक्टरों ने आराम करने के लिए कहा था.
पंडित प्रदीप मिश्रा के बाद उनकी जिम्मेदारी उनके बेटे राघव मिश्रा ने संभाली. अब पंडित प्रदीप मिश्रा के बेटे राघव मिश्रा ने कथा का वाचन करना शुरू कर दिया है.
प्रदीप मिश्रा के बेटे राघव मिश्रा, पिता के सानिध्य में और ग्रंथों के अध्ययन से कथा वाचन में प्रखर हो गए हैं. उनकी पहली शिव महापुराण कथा कुबेरेश्वर धाम में संपन्न हुई. राघव मिश्रा की यह कथा पांच दिवसीय थी.
बता दें कि पिता प्रदीप मिश्रा ने भी अपने पुत्र राघव की पहली कथा का श्रवण किया.
सीहोर वाले बाबा को डॉक्टरों ने रेस्ट करने के लिए कहा था.दरअसल, बीते दिनों पंडित प्रदीप मिश्रा आष्टा में महादेव की होली में शामिल होने गए थे. इसी समारोह के दौरान श्रद्धालु से गलती से नारियल पंडित जी को लग गया था. जिस वजह से लंबे समय से उनका इलाज चल रहा है, और इसी सिलसिले में उन्हें रेस्ट करने बोला गया है.
आगामी 15 मई से रुद्राक्ष वितरण का आयोजन भी किया जाना है. जिसके लिए टेंट सिटी में धाम पर तैयारियां की जा रही हैं. इसको लेकर धाम और प्रशासन दोनो तैयारियां कर रहे हैं क्योंकि पिछले साल जब इस कार्यक्रम का आयोजन हुआ था तो जनसैलाब से भोपाल इंदौर-हाइवे जाम हो गया था.
इन दिनों भी कुबेरेश्वर धाम में प्रतिदिन भक्तों की भीड़ अपनी मनोकामनाएं लेकर आ रही है. निर्माणाधीन भव्य शिवलिंग के दर्शन के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आ रहे हैं. इन श्रद्धालुओं को भोजन उपलब्ध कराने के लिए धाम में एक आधुनिक रसोई का भी निर्माण किया गया है. रसोई में लाखों लोगों को खिलाने के लिए भोजन कुछ ही घंटों में तैयार किया जा सकता है.
पंडित प्रदीप मिश्रा 6 मई से महाराष्ट्र के अमरावती जिले के परतवाड़ा में कथा करने के लिए प्रस्थान करेंगे. अब वे बेफिक्र होकर धाम जा सकते हैं क्योंकि बेटे ने अपने पिता के जूते पहन लिए हैं.
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