Chhattisgarh News: न सफर का भरोसा न मंजिल का पता: 16 साल से बसों की प्रतीक्षा में बस स्टैंड, जर्जर होने लगी इमारत
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Chhattisgarh News: न सफर का भरोसा न मंजिल का पता: 16 साल से बसों की प्रतीक्षा में बस स्टैंड, जर्जर होने लगी इमारत

Chhattisgarh News: 24 लाख की लागत से बना प्रतीक्षा बस स्टैंड 16 साल के बाद भी शुरू नहीं हो पाया है. नगरपालिका की इस उदासीनता के कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. 

Chhattisgarh News: न सफर का भरोसा न मंजिल का पता: 16 साल से बसों की प्रतीक्षा में बस स्टैंड, जर्जर होने लगी इमारत

Chhattisgarh News: जांजगीर चांपा जिले के नगर पंचायत की उदासीनता के कारण 24 लाख रुपये की लागत से निर्मित बस स्टैंड एवं दुकान परिसर खंडहर में तब्दील हो रहा है. नगर पंचायत के द्वारा अभी तक यहां से बसों का संचालन शुरू नहीं किया गया है. यहां पर कई दुकानों को भी आवंटित किया गया था उसको भी शुरू नहीं किया गया है. 

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प्रतीक्षा बस स्टैंड

प्रतीक्षा बस स्टैंड निर्माण के लिए नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा 24 लाख की स्वीकृति दी थी. जिसका निर्माण का कार्य 2008 में ही पूरा कर दिया गया था, लेकिन आज 16 साल पूरा होने पर भी बसों का संचालन अभी तक नहीं हो सका. मीडिया में प्रमुखता से 1 साल पहले यह खबर प्रकाशित किया गया था, उसके बाद बस स्टैंड में पेंटिंग का काम किया गया था. लाखों रूपए खर्च कर मरम्मत होने के बाद भी फिर से वहीं हाल हो गया है. बस स्टैंड का भवन खंडहर में तब्दील हो गया है. 

बस स्टैंड में बने 19 दुकान में से 15 दुकान बेरोजगारों को आवंटित किया गया था, लेकिन आज तक वह परिसर भी शुरू नहीं हो सका. लोगों का कहना है कि नगर पंचायत की निष्क्रियता के कारण लाखों रुपये की लागत से बने बस स्टैंड शो पीस बन कर रह गया. समय रहते बस स्टैंड शुरू हो जाता तो बहुत से लोगों को रोजगार मिल गया होता. यह नया बस स्टैंड नैला जांजगीर सड़क किनारे बना है. थाना , तहसील, सब्जी मंडी, सहकारी बैंक, कृषि विभाग , छात्रावास, बीईओ कार्यालय यहां से पास है. 

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निर्माण कार्य में हुए लाखों खर्च
बस स्टैंड शुरू होने से इन स्थानों में आवागमन में सुविधा होती. मगर लोगों की सुविधा के लिए बनाया गया बस स्टैंड शुरू होने से पहले ही खंडहर हो गया. यहां लगे सामानों को असामाजिक तत्वों द्वारा नुकसान पहुंचाया जा रहा है. शीशे के बने खिड़की टूट गए है. लोहे के दरवाजे पार हो रहे हैं. इसके बाद भी नगर पंचायत मूकदर्शक बनी हुई है. लाखों रुपए की लागत से बनी बस स्टैंड भवन से नगर पंचायत को कोई सरोकार नहीं है. शासन द्वारा बस स्टैंड एवं दुकान को पुनः आवंटन की कार्रवाई करने को कहा गया था. वहां लाखों रुपये का निर्माण कार्य , साफ सफाई, शौचालय, पानी के लिए खर्च किया गया. इसके बाद भी तत्कालीन सीएमओ बलौदा की निष्क्रियता के कारण बस स्टैंड शुरू नहीं हो सका. अभी बस स्टैंड नगर के बीचो-बीच मेन रोड में है, जिसके कारण हमेशा ट्रैफिक जाम की स्थिति रहती है. लिहाजा दुकानदार एवं लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

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