Damoh Balkhandan Mata: देश में आस्था और विश्वास के कई नजारे देखने को मिलते हैं. ऐसा ही एक नजारा मध्य प्रदेश के दमोह जिले में देखने को मिला. जहां रामनवमी के दिन हजारों पुरुष अर्धनग्न होकर करीब दो किलोमीटर पैदल चलकर मंदिर तक पहुंचते हैं.
दमोह जिले के तेंदूखेड़ा ब्लॉक की दशोदी पंचायत में बलखंडन माता का प्रसिद्ध प्राचीन मंदिर है. यहां विराजमान देवी को चमत्कारी माना जाता है. वैसे तो सुदूर ग्रामीण इलाके में स्थित इस प्रसिद्ध मंदिर में साल भर लोग आते हैं, लेकिन नवरात्रि के दौरान इस स्थान का विशेष महत्व होता है.
बता दें कि देवी बलखंडन के प्रति लोगों की अटूट आस्था है. डेढ़ से दो किलोमीटर दूर से लोग अर्धनग्न अवस्था में उनके मंदिर में जाकर देवी के जयकारे लगाते हैं और उन्हें प्रणाम करते हैं.
न केवल दमोह बल्कि देश के विभिन्न हिस्सों से हजारों श्रद्धालु प्रतिदिन दर्शन के लिए आते हैं. नवरात्रि की नवमी के दिन यहां का नजारा देखने लायक होता है जब भक्त कुछ ऐसा करते हैं जिसे करना आमतौर पर लोगों को मुश्किल लगता है. लेकिन यहां आस्था के आगे मुसीबत हार जाती है.
हजारों पुरुष अर्धनग्न होकर करीब दो किलोमीटर पैदल चलकर मंदिर तक पहुंचते हैं. वहीं हजारों की संख्या में महिलाएं भी पूरी आस्था के साथ और जमीन पर माथा टेकते हुए इस मंदिर में पहुंचती हैं.
इस नवमी पर भी यहां ऐसे नजारे देखने को मिल रहे हैं, जब सुबह से ही महिलाएं और पुरुष चिलचिलाती धूप में सीमेंट कंक्रीट से बनी सड़क पर दंडवत प्रणाम करते हुए पहुंच रहे हैं.
दरअसल, इसके पीछे मान्यता यह है कि इस दरबार में लोग जो मन्नत मांगते हैं वह पूरी होती है और जब मन्नत पूरी हो जाती है तो नवरात्रि की नवमी के दिन पुरुष अपने शरीर पर सिर्फ तौलिया बांधकर यहां दंड देते हैं.
वहीं महिलाएं भी सड़क पर चलकर मंदिर तक पहुंचती हैं. ये संख्या कोई एकाध नहीं बल्कि हजारों में होती है.
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