Apara Ekadashi Kb Hai: अपरा एकादशी का व्रत ज्येष्ठ कृष्ण एकादशी तिथि को रखा जाता है. इसे अचला एकादशी भी कहा जाता है. अपरा एकादशी का व्रत महत्वपूर्ण व्रतों में से एक है. मान्यता है कि इस व्रत को करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है. आइए जानते हैं किस दिन पड़ेगी अपरा एकादशी और क्या है इसका महत्व.
अपरा एकादशी को अचला एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. यह व्रत प्रमुख व्रतों में से एक है. मध्य प्रदेश के पंडित सच्चिदानंद त्रिपाठी से जानिए कब है अपरा एकादशी? पूजा शुभ समय, पारण समय और महत्व.
हिंदू कैलेंडर के अनुसार अपरा एकादशी का व्रत ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है. इस व्रत में भगवान विष्णु के त्रिविक्रम रूप की पूजा की जाती है. इस साल अपरा एकादशी का व्रत 2 दिन है.
वैदिक कैलेंडर के अनुसार अपरा एकादशी के लिए ज्येष्ठ कृष्ण एकादशी तिथि रविवार 2 जून को सुबह 05:04 बजे शुरू होगी और सोमवार 3 जून को सुबह 02:41 बजे समाप्त होगी.
2 जून को अपरा एकादशी का व्रत रखने वाले सूर्योदय सुबह 05:23 बजे से दोपहर 12:12 बजे के बीच अपरा एकादशी की पूजा कर सकते हैं. जो लोग 3 जून को व्रत रखेंगे उन्हें सूर्योदय के बाद भगवान त्रिविक्रम की पूजा करनी चाहिए.
एकादशी व्रत के अगले दिन पारण किया जाता है. अपरा एकादशी का व्रत 3 जून को सुबह 08.05 बजे से 08.10 बजे के बीच खोला जा सकता है.
मान्यता है कि अपरा एकादशी का व्रत करने से पापों का नाश होता है. साथ ही कई प्रकार के रोग, दोष और आर्थिक समस्याओं से मुक्ति भी मिल सकती है.
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