Omar Abdullah घाटी के चुनाव में अचानक गहमागहमी आ गई है. एक तरफ इंजीनियर राशिद ने चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत मिलने के बाद उमर अब्दुल्ला पर हमला किया. तो अब वहीं अब उमर अब्दुल्ला ने पलटवार करते हुए तंज भी कस दिया.
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Jammu Kashmir Chunav: जम्मू-कश्मीर का विधानसभा चुनाव अचानक दिलचस्प हो चला है. इंजीनियर राशिद के जेल से बाहर आते ही घाटी के चुनावी मौसम में गजब का तड़का लग गया है. इसी बीच उमर अब्दुल्ला ने इंजीनियर राशिद की चुनौती को स्वीकार करते हुए कहा कि वह उनको तिहाड़ जेल छोड़ने साथ चलेंगे. हुआ यह था कि कुलगाम में पत्रकारों से बात करते हुए उमर ने कहा कि इंजीनियर राशिद ने कहा था कि अगर उमर उनके साथ तिहाड़ छोड़ने जाएंगे तो वह अपने प्रत्याशी वापस लेंगे. मैं चुनौती स्वीकार कर रहा हूं. समय आने पर मैं व्यक्तिगत रूप से उनके साथ जाऊंगा. उन्हें अपने उम्मीदवारों को वापस लेना चाहिए.
उमर अब्दुल्ला ने राशिद पर भी निशाना साधा और भाजपा के साथ संभावित भावी गठबंधन के बारे में उनके अस्पष्ट रुख पर सवाल उठाया. अब्दुल्ला ने कहा कि अगर राशिद भाजपा के साथ सहयोग करने के खिलाफ अपनी स्थिति स्पष्ट रूप से नहीं बता सकते हैं, तो यह गंभीर चिंता का विषय है.
उमर की ये प्रतिक्रिया ऐसे समय आई जब गुरुवार को इंजीनियर राशिद ने चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत मिलने के बाद उमर पर हमला किया और उन्हें चुनौती दी कि अगर वह मेरे साथ तिहाड़ जेल जाएंगे, जब मुझे आत्मसमर्पण करने के लिए वापस जाना होगा तो मैं अपने उम्मीदवारों को चुनाव मैदान से बाहर कर दूंगा.
इधर नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने आगे कहा कि वह आगामी चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके सहयोगियों के खिलाफ लड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं. समर्थकों से बात करते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि पिछले एक दशक में भाजपा की नीतियों के कारण जम्मू-कश्मीर के लोगों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है.
अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को भाजपा के हाथों मुश्किलों का सामना करना पड़ा है. जम्मू और कश्मीर दोनों जगहों पर लोगों में असंतोष साफ देखा जा सकता है." उन्होंने भाजपा और उसके समर्थकों को हराने के लिए एकजुट मोर्चा बनाने का आह्वान किया और मतदाताओं से उनकी पार्टी द्वारा बनाए गए चुनाव पूर्व गठबंधन का समर्थन करने का आग्रह किया.
उन्होंने कहा कि हम खुद को एक ऐसे विकल्प के रूप में पेश करते हैं जो भाजपा के साथ मिलीभगत नहीं करेगा. दूसरों के पास छिपे हुए एजेंडे हो सकते हैं, लेकिन हम जम्मू-कश्मीर को उनके प्रभाव से बचाने की अपनी प्रतिबद्धता पर अडिग हैं. अब्दुल्ला ने कहा कि हम अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए लड़ने और क्षेत्र के लोगों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने कहा, "हमारा प्राथमिक लक्ष्य भाजपा को सत्ता से बाहर रखना है. नेशनल कॉन्फ्रेंस उनके साथ किसी भी तरह के गठबंधन पर विचार नहीं करेगी.