PFI Funding Network: भारत में हिंदुओं को खत्म कर वर्ष 2047 तक इस्लामिक राज लाने के छिपे एजेंडे पर काम कर रहे पीएफआई को देश-विदेश से करोड़ों रुपये की फंडिंग मिल रही है. इसके लिए उसने एक सुनियोजित नेटवर्क बना रखा था, जिसके बारे में आपको जानना चाहिए.
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PFI Funding Routes: देश विरोधी गतिविधियों के आरोप में केंद्र सरकार पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) को 5 साल के लिए प्रतिबंधित कर चुकी है. इसके साथ ही विभिन्न राज्य सरकारों ने भी संगठन से जुड़े लोगों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी है. मामले की जांच में जुटी एजेंसियां यह देखकर हैरान है कि इस कट्टर इस्लामिक संगठन ने कुछ ही सालों में इतना बड़ा ढांचा कैसे खड़ा कर लिया.जांच में पता चला है कि पीएफआई भारत और विदेशों दोनों से अलग-अलग चैनलों के जरिए धन एकत्र कर रहा था.
हज में सहायता के नाम पर होती थी फंडिंग
जांच एजेंसियों को इन्वेस्टिगेशन में पता चला है कि विदेशों में पीएफआई (PFI) के सदस्य हज यात्रियों को सहायता के नाम पर, अपनी नकली फर्मों की सदस्यता, रियल एस्टेट सौदों, पब-बार और आतंकवादी संगठनों को पुरानी कारों को बेचने समेत विभिन्न जरियों का इस्तेमाल करके फंड इकट्ठा करते थे. यह पैसा बाद में एनआरआई खातों में भेजा जाता था, जहां से इसे भारत में पीएफआई सदस्यों को ट्रांसफर कर दिया जाता था.
एजेंसियों की पड़ताल में सामने आया है कि PFI के ऐसे बहुत से सदस्य रहे, जिनकी आर्थिक स्थिति बेहद खस्ता थी लेकिन उनके बैंक खातों मे करोड़ों रुपये का लेन-देन हुआ. ऐसे करीब 100 से ज्यादा बैंक खाते एजेंसियों के संज्ञान में आ गए हैं. अब उनसे जुड़े लोगों के बारे में पता लगाया जा रहा है, जिन्होंने इन खातों में पैसे ट्रांसफर किए हैं. आइए उन 9 तरीकों के बारे में जानते हैं, जिनके जरिए PFI भारत में जिहाद करने के लए पैसा इकट्ठे कर रहा था.
हज यात्रा: खाड़ी देशों में सक्रिय पीएफआई (PFI) सदस्यों ने हज यात्रा पर जाने वाले भारतीयों को पैसे के बदले मदद की. यह पैसा बाद में भारत भेजा जाता था. पीएफआई ने भारत को पैसा भेजने के लिए हर संभव रास्ते अपनाए- चाहे वह हवाला हो या सोने का कारोबार.
एनआरआई खाते: सूत्रों के मुताबिक विदेशों में पीएफआई सदस्यों ने संयुक्त अरब अमीरात और अन्य खाड़ी देशों के एनआरआई खातों में पैसा भेजा. एनआरआई खातों में फंड जमा होने के बाद उसे पीएफआई नेताओं से जुड़े विभिन्न खातों में ट्रासफर कर दिया गया. मनी ट्रांसफर के लिए यह तरीका विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम (फेरा) का सीधा उल्लंघन था.
रियल एस्टेट: पीएफआई (PFI) का सदस्य और केरल के चावाकाडु जिले का निवासी सैफू अबू धाबी में रहता है, जहां वह रियल एस्टेट का कारोबार करता हैं. यह पता चला है कि उसने भारत में पीएफआई नेताओं के खातों में पैसे भेजे थे. रेंट-ए-कार सेवा के जरिए अर्जित धन को भी भारत में ट्रांसफर कर दिया गया.
अबू धाबी में बार: अबू धाबी में नाइट क्लब और बार हैं, जहां कानूनी रूप से शराब उपलब्ध है. इनमें से कुछ आउटलेट्स पीएफआई सदस्यों द्वारा चलाए जा रहे हैं. इस धंधे से अर्जित करोड़ों की कमाई को बाद में भारत भेज दिया गया.
केआईएसफ सदस्यता: पीएफआई कुवैत में 'कुवैत इंडिया सोशल फोरम' (KISF) के नाम से सक्रिय है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के सूत्रों ने कहा कि केआईएसएफ भारत में पीएफआई की गतिविधियों का समर्थन करने के लिए अपने सदस्यों से वार्षिक सदस्यता शुल्क एकत्र करता था.
पुनर्वसन फाउंडेशन और ओमान में स्थित सदस्य: पीएफआई के कई डमी संगठन हैं जो खाड़ी देशों में सक्रिय हैं. राष्ट्रीय विकास मोर्चा (NDF) एक ऐसा संगठन है, जो ओमान में सक्रिय है. एजेंसियों को पता चला है कि NDF ने भारत में पीएफआई सदस्यों को हवाला चैनलों के जरिए करीब 44 लाख रुपये भेजे. पीएफआई के एक सदस्य की पहचान अशफाख चैकीनाकथ पुयिल के रूप में हुई है, जिसने ऐसे सभी अकाउंट की डिटेल संभालकर रखी. ये पैसा केरल में रिहैब इंडिया फाउंडेशन को भेजा गया था, जो पीएफआई का एक और डमी संगठन है.
आईएसआईएस को पुरानी कारों की बिक्री: एजेंसियों के मुताबिक सीरिया में मुहम्मद फहीमी के रूप में पहचाने जाने वाले एक पीएफआई सदस्य ने आईएसआईएस और अन्य आतंकवादी समूहों को पुरानी कारों को बेचा. इसके बदले में बड़ी मात्रा में पैसा कमाया गया. यह पैसा बाद में हवाला के जरिए भारत भेजा गया.
कतर कनेक्शन: पीएफआई में कई मुस्लिम मलयाली सदस्य हैं, जो कतर में रहते हैं. वे एक कल्चरल फोरम (CF) नामक संगठन चलाते हैं, जो पीएफआई का एक डमी संगठन भी है. कतर में इन सदस्यों की ओर से मुसलमानों की सहायता के नाम पर एकत्र किया गया धन भारत में पीएफआई और एसडीपीआई नेताओं को भेजा गया था.
पीएफ सदस्य: विदेशों में रहने वाले पीएफआई सदस्यों ने भी ई-वॉलेट का उपयोग करके भारत में पैसा ट्रांसफर किया. उस फंड को कागजों में कानूनी सहायता और सामुदायिक दान के रूप में दिखाया गया. पीएफआई को देश और विदेश से संदिग्ध माध्यमों से धन प्राप्त हो रहा था. पीएफआई और उसके सहयोगियों ने बड़ी संख्या में बैंक खातों को बनाए रखा. साथ ही भारत और विदेशों में स्थित अपने शुभचिंतकों से पैसा प्राप्त किया.
सूत्र ने कहा, खाता धारकों के वित्तीय प्रोफाइल से मेल नहीं खाने वाले पीएफआई के 100 से अधिक बैंक खाते एजेंसियों के संज्ञान में आए हैं. परिणामस्वरूप, आईटी अधिनियम की धारा 12ए और 12एए के तहत पीएफआई की पंजीकरण स्थिति वापस ले ली गई है.
(एजेंसी आईएएनएस)
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