भारत को ऐसे ही विभिन्नताओं का देश नहीं कहा जाता, यहां एक तरफ बर्फ से ढके ऊंचे पहाड़ देखने को मिल जाते हैं तो दूसरी तरफ समुद्र के सुंदर किनारे. इतना ही नहीं, इस देश में रेगिस्तान का आनंद भी ले सकते हैं. क्या आपने कभी भारत के तिब्बत के बारे में सुना है. आप सोच रहे होंगे कि वह तो अलग देश है, भारत के बाहर है, लेकिन ये बात सच है. छत्तीसगढ़ में मैनपाट एक ऐसी ही खूबसूरत जगह है, जहां बर्फ गिरती है और सर्दियों में यह इलाका बर्फ की सफेद चादर से ढक जाता है. इसे ‘छत्तीसगढ़ का शिमला’ भी कहा जाता है.
छतीसगढ़ (Chhattisgarh) का में अनेकों टूरिस्ट प्लेस है जहां आप छुट्टियां बिता सकते हैं लेकिन यहां का शिमला कहे जाने वाला मैनपाट (Mainpat) अपने आप में बेहद खास है. ठंड के मौसम में यहां होने वाली बर्फबारी आपको शिमला का एहसास कराएगी.
मैनपाट को 1962 में तिब्बतियों को शरणार्थी के रूप में बसाया गया था, इसलिए इसे छोटा तिब्बत के नाम से भी जाना जाता है. तिब्बतियों के बसे होने की वजह से यहां के मठ-मंदिर, खान-पान और संस्कृति में भी तिब्बत जैसा महसूस होता है. यहां तिब्बती कैंप व बौद्ध मंदिर में पहुंचकर मन को शांति मिलती है.
मैनपाट एक छोटा सा गांव है, जो अंबिकापुर से करीब 55 किलोमीटर दूरी पर स्थित है और विंध्य पर्वतमाला पर स्थित है. समुद्र तल से इसकी ऊंचाई 3,780 फुट है. टाइगर प्वाइंट मैनपाट के प्रमुख आकर्षण का केंद्र है. स्थानीय लोगों का कहना है कि कई साल पहले यहां बाघ देखे जाते थे, इस वजह से इसका नाम टाइगर पॉइंट पड़ा.
यह मैनपाट का ऐसा आकर्षण का केंद्र है. यहां की जमीन बिना भूकंप के हिलती है. यहां पर अगर जमीन पर उछलते हैं तो जमीं हिलती है. ऐसे में जरूर कुदरत के इस करिश्मे को देखना चाहिए.
मैनपाट का उल्टापानी हाल ही में अस्तित्व में आया है और यहाँ आकर सैलानी काफी अचंभित हो जाते हैं क्योंकि यहाँ पर पानी का बहाव ऊंचाई की तरफ है साथ ही यहाँ पर सड़क पर खड़ी न्यूट्रल गाड़ी पहाड़ी की ओर चली जाती है। यहाँ पानी का बहाव विपरीत दिशा में होने के कारण इस जगह का नाम उल्टापानी रखा गया है.
यहां झरने को देखकर मोहित हो जाएंगे. यह मैनपाट का सबसे खूबसूरत झरना है. स्थानीय किदवंती के अनुसार, यहां पर पहले जलपरी दिखाई देती थी. इस वजह से इस जगह का नाम जलपरी पड़ा.
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