Didwana News: प्रवासी पक्षियों की होने वाली मौत ने बढाई प्रसाशन की चिंता
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Didwana News: प्रवासी पक्षियों की होने वाली मौत ने बढाई प्रसाशन की चिंता

Didwana News: प्रवासी पक्षियों की होने वाली मौत ने प्रसाशन की चिंता को बढ़ा दिया है. DM पुखराज सैन ने प्रवासी पक्षियों की मौत मामले में नावां से सटी साम्भर झील का दौरा किया.

 

Didwana News: प्रवासी पक्षियों की होने वाली मौत ने बढाई प्रसाशन की चिंता

Didwana News: डीडवाना कुचामन जिले के नावां से सटी सांभर झील में इस वर्ष अधिक वर्षा के कारण पानी की आवक अधिक हुई. जिससे आसपास के किसानो आमजन को जलस्तर बढ़ने की खुशी हुई है. लेकिन झील में हर वर्ष आने वाले विदेशी मेहमान विदेशी परिंदे उनके लिए ये झील एक बार फिर मौत का मंजर दिखाने को बेताब दिख रही है.

2019 में भी इसी झील में करीब 2 दर्जन प्रजातियों के हजारो पक्षियो की मौत हो गई थी, जिससे राज्य से लेकर केंद्र तक कि सरकार हरकत में आ गई थी. वहीं प्रदेश सहित केंद्र से भी प्रसाशनिक अमला जमला झील में पहुंच गया था. उसी प्रकार एक बार झील में मौत का मंजर देखने को मिल रहा है. अब तक करीब 100 से अधिक प्रवासी पक्षियों की मौत हो चुकी है, जिसको लेकर SDM, तहसीलदार, वन विभाग, पशु चिकित्सा विभाग लगातार झील का दौरा कर आवश्यक सुरक्षा के कदम उठा रहे है.

आज डीडवाना कुचामन जिला कलेक्टर पुखराज सेन नावां पहुंचे, जहां SDM ,तहसीलदार, वन विभाग व पशु चिकित्सा विभाग,नगरपालिका प्रसाशन के अधिकारियों की मीटिंग ली व आवश्यक सुरक्षा इंतजामात के निर्देश दिए. वहीं झील क्षेत्र का निरिक्षण किया. कलेक्टर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि प्रसाशन हर तरीके से प्रवासी पक्षियों की मौत को रोकने के प्रयास कर रहा है. मृत पक्षियों के शवों को लेबोरेट्री में भेजा है, जहां से रिपोर्ट आने के बाद हो पता चल पाएगा कि मौत क्या कारण है.

सम्भवतया एवियन बोटूलिज्म बैक्ट्रिया नामक वायरस से मौत होना बताया जा रहा है. झील क्षेत्र में अवैध रूप से किये जाने वाले बोरवैल, नमक का अपशिस्ट आदि डालने के बारे में कहा कि ऐसे मामले में चौकस रहकर कार्यवाही की जाएगी. आपको बता दे अगर प्रसाशन ने प्रवासी पक्षियों की मौत मामले को गम्भीरता से नहीं लिया तो 2019 में घटित हुई हजारो पक्षियो के मौत के मंजर जैसा हाल इस बार मे देखा जा सकता है.

झील की सुरक्षा के दावे तो हर सरकार द्वारा व स्थानीय प्रसाशन द्वारा किया जाता है. लेकिन दिन बीतने के बाद सब भूल जाते है जिसका भुगतान इन बेजुबान विदेशी परिंदो को अपनी जाना देकर चुकाने पर मजबूर होना पड़ रहा है. हमारे राजस्थान की परंपरा रही है मेहमान की आव भगत करने व आदर सत्कार करने की. लेकिन यहां ये हमारे विदेशी मेहमान परिंदे जो लोगों का आकर्षण का केंद्र रहते है खतरे में है. 

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