पुष्कर में धार्मिक मेले के साथ पशुओं का मेला लगे या नहीं, ये सरकार तय करेगी-कलेक्टर
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पुष्कर में धार्मिक मेले के साथ पशुओं का मेला लगे या नहीं, ये सरकार तय करेगी-कलेक्टर

विश्व प्रसिद्ध पुष्कर धार्मिक और पशु मेले का आयोजन किया जाना है. कोविड-19 महामारी के बाद आने वाले इस पुष्कर मेले को लेकर जिला प्रशासन की ओर से व्यवस्थाओं को लेकर गुरुवार को बैठक आयोजित की गई.

पुष्कर में धार्मिक मेले के साथ पशुओं का मेला लगे या नहीं, ये सरकार तय करेगी-कलेक्टर

Pushkar: लंपी स्किन डिजीज के बीच अक्टूबर में विश्व प्रसिद्ध पुष्कर धार्मिक और पशु मेले का आयोजन किया जाना है. कोविड-19 महामारी के बाद आने वाले इस पुष्कर मेले को लेकर जिला प्रशासन की ओर से व्यवस्थाओं को लेकर गुरुवार को बैठक आयोजित की गई. जिला कलेक्टर अंशदीप और एसपी चुनाराम की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में पशुपालन विभाग के साथ ही अन्य सभी विभाग मौजूद रहे, जिनसे व्यवस्थाओं के साथ सुरक्षा को लेकर फीडबैक लिया गया और उन्हें निर्देशित किया गया कि प्रसिद्ध पुष्कर मेले में किसी तरह की कमी ना हो. इसे लेकर सभी इंतजाम पूरे कर लिए जाएं.

माकूल व्यवस्था की

जिला कलेक्टर अंशदीप ने बताया कि कोविड-19 महामारी के बाद 2 साल बाद यह मेला बड़े स्तर पर आयोजित होगा कलेक्टर ने बताया कि इस बार पशु मेले के साथ ही धार्मिक मेले में बड़ी संख्या में लोगों के आने की संभावना है इस बात को ध्यान में रखते हुए व्यवस्थाओं को माकूल किया जा रहा है. कई स्थानों पर निर्माण कार्य किए जा रहे हैं, जिससे की व्यवस्थाओं को सही किया जा सके पुष्कर मेला ग्राउंड में विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती है, वहां पर भी रखरखाव के साथ ही अन्य व्यवस्थाएं की जाएगी.

इस बीच उन्होंने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए बताया कि पुष्कर पशु मेले पर लंबी स्किन डिजीज का कितना असर होगा यह सरकार तय करेगी यह मेला पशुओं के लिए आयोजित होगा या नहीं, इस पर भी विचार विमर्श कर सरकार ही तय करेगी. जिले में आयोजित होने वाले इस मेले को लेकर प्रशासनिक स्तर पर तमाम तैयारियां की जा रही है जिससे कि किसी तरह की समस्या उत्पन्न ना हो और मेले को शांतिपूर्ण रूप से आयोजित किया जा सके.

2 साल बाद आयोजित मेला

वहीं, इस मौके पर बैठक में मौजूद पशुपालन विभाग के उपनिदेशक प्रफुल्ल माथुर ने बताया कि 2 साल बाद आयोजित होने वाले पशु मेले में बड़ी संख्या में पशुपालक अपने अपने पशु लेकर पहुंचेंगे जिसे लेकर प्रशासनिक स्तर पर तैयारियों को तेज किया गया है.

बैठक में लंबी स्किन डिजीज को लेकर भी चर्चा की गई जिससे कि सरकार तक यहां की व्यवस्था बताई जा सके उन्होंने कहा कि राजस्थान में पिछले महीनों में हुए हनुमानगढ़ और नागौर के पशु मेले को स्थगित किया गया था, लेकिन पुष्कर मेले को लेकर कोई गाइडलाइन अब तक नहीं आई है साथ ही माथुर ने बताया कि अजमेर के पुष्कर पशु मेले में बड़े स्तर पर ऊंट और घोड़े पहुंचते हैं और गोवंश कम संख्या में आते हैं ऐसे में गूगल स्कोर इस मेले में प्रतिबंधित किया जा सकता है, जिससे कि मेले को आयोजित करवाया जा सके फिलहाल इन सभी व्यवस्थाओं को लेकर सरकार की पशुपालन मंत्री और विभाग को तय करना है अजमेर जिला प्रशासन इस बिल्ली की व्यवस्थाओं को लेकर जुड़ चुका है आगामी 26 अक्टूबर से यह मेला आयोजित किया जाना है 1 महीने का समय प्रशासन को मिला है यह से लेकर लगातार बैठक लेते हुए व्यवस्थाओं को बनाया जाएगा.

Reporter- Ashok Bhati

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