अजमेर के मसूदा और नागोला कस्बे सहित आसपास के गांवों में किसानों ने 15 दिन पूर्व चने की बुवाई की थी, लेकिन बुवाई के 3 दिन बाद 6 घंटे तक लगातार हुई मूसलाधार बारिश से चने चने की फसल की अंकुर जमीन में ही नष्ट हो गए और उन खेतों में पूर्व में बोई गई उड़द- मूंग की फसल के पौधे उग गए.
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Masuda: अजमेर के मसूदा और नागोला कस्बे सहित आसपास के गांवों में किसानों ने 15 दिन पूर्व चने की बुवाई की थी, लेकिन बुवाई 3 दिन बाद ही हुई बारिश ने किसानो के अरमानों पर पानी फेर दिया. किसानों के चने का अंकुर जमीन के अंदर ही नष्ट हो गया और उन खेतों में अभी चने की जगह उड़द मूंग के पौधे हरे भरे दिख रहें हैं. किसान सांवर लाल गुर्जर व नारायण लाल जाट ने बताया कि नागोला सहित बडला, बालापुरा, सपनीखेड़ा, खारोल खेड़ा, बड़गांव, कनेई खुर्द, पाडलिया, नान्दसी, केरोट, जेतपुरा, गुढ़ा खुर्द, बिलियां, चापानेरी, लामगरा, देवलिया कला ,बड़ली, सोल खुर्द, पिपलिया आदि गांव में 60 प्रतिशत किसानों ने 15 दिन पूर्व चने की बुवाई की थी, लेकिन बुवाई के 3 दिन बाद 6 घंटे तक लगातार हुई मूसलाधार बारिश से चने चने की फसल की अंकुर जमीन में ही नष्ट हो गए तथा उन खेतों में पूर्व में बोई गई उड़द- मूंग की फसल के पौधे उग गए, जिससे किसानों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है.
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किसानों ने बताया कि चने की फसल में बहुत कम नमी चाहिए तब चने का पौधा जमीन से बाहर निकलता है, लेकिन बारिश होने के कारण बहुत ज्यादा नमी हो गई, जिससे चने का पौधा जमीन के अंदर ही नष्ट हो गया. नागोला कृषि अधिकारी नारायण लाल चौधरी ने बताया कि पिछले शुक्रवार को हुई बारिश से शत प्रतिशत खेतों में गेहूं ,जो ,चना व सरसों आदि की बुवाई की जाएगी. जाट ने बताया कि 15 दिन पूर्व बोई गई 60 प्रतिशत चने की फसल दलेट हो गई है. 8 अक्टूबर को हुई मूसलाधार बारिश से अब ज्वार के खेतों में भी बुवाई होगी. अभी इस समय खेतों में इतनी नमी है कि खेतों बिना पिलाई करें ही गेहूं, जो, सरसों की फसल की बुवाई कर किसान सकेंगे.
Reporter - Ashok Bhati
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