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Rajasthan Politics: राजस्थान का सीएम कौन होगा? यह गुत्थी अभी तक नहीं सुलझ पाई है. मगर विधायकों ने मंत्री बनने के लिए दौड़ शुरू कर दी है. कोई संघ से संपर्क साध रहा है तो कोई वरिष्ठ नेताओं को फोन करके ''दावेदारी मजबूत'' कर रहा है. आलाकमान के नजदीकी नेताओं को भी दिल्ली फोन लगाया जा रहा है, ताकि मंत्री का पद मिल जाए.
पार्टी सूत्रों के अनुसार सीएम के साथ कई मंत्रियों को भी शपथ दिलाई जाएगी. इसलिए सीएम के नाम के साथ नए मंत्रियों की भी सूची तैयार की जा रही है. विधायकों को इसकी भनक लगते ही उन्होंने लॉबिंग शुरू कर दी है. इस बार वरिष्ठ विधायकों के साथ नए चेहरों को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा. इसमें जातिगत संतुलन रखा जाएगा, ताकि लोकसभा चुनाव में पार्टी को फायदा मिल सके.
भाजपा के वरिष्ठ विधायकों में से किसी एक को स्पीकर बनाया जाएगा. सबसे वरिष्ठ कालीचरण सराफ, वासुदेव देवनानी और किरोड़ी लाल मीणा इस दौड़ में आगे हैं. इनमें से जो बचेंगे, उनका मंत्रिमंडल में स्थान पक्का माना जा रहा है. महिलाओं को भी मंत्रिमंडल में तवज्जो मिलने की पूरी संभावना है. ऐसे में दीया कुमारी, अनिता भदेल, कल्पना सिंह, सिद्धि कुमारी, नौक्षम चौधरी इस रेस में शामिल हैं. इसके अलावा राज्यवर्धन सिंह राठौड़, गजेन्द्र सिंह खींवसर, पुष्पेन्द्र सिंह राणावत, श्रीचंद कृपलानी, प्रताप सिंह सिंघवी, मदनलाल दिलावर, अजय सिंह किलक, सहित अन्य कई विधायकों की लॉटरी खुल सकती है.
जयपुर से भी कई नए चेहरे इस दौड़ में शामिल हैं. इसमें कैलाश वर्मा, भजनलाल शर्मा और बालमुकुंदाचार्य जैसे विधायक शामिल हैं. इसके अलावा शैलेष सिंह, बाबा बालकनाथ के समर्थक भी लॉबिंग में लगे हैं.
सरकार गठन के बाद विधानसभा सत्र होगा. ऐसे में राज्यपाल कलराज मिश्र ने प्रोटेम स्पीकर तय करने के लिए सदन के सबसे अधिक अनुभवी विधायकों के नाम मांगे थे. विधानसभा की ओर से कालीचरण सराफ, दयाराम परमार, अशोक गहलोत, वसुंधरा राजे, श्रवण कुमार, प्रतापसिंह सिंघवी, राजेंद्र पारीक सहित कई नाम भेजे गए हैं. इनमें से किसी एक को राज्यपाल प्रोटेम स्पीकर बनाएंगे.
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