युवाओं ने कुछ ऐसा ठाना की 15 सालों से रेत के धोरों, झाड़ियों से पूर्णयता अटे मैदान की भूमि को ऊर्जा मंत्री व सरपंच के सहयोग से नरेगा की राशि से मैदान को समतल कर दिया.
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Kolayat: मनरेगा योजना के तहत एक ओर जहां बेरोजगारों को रोजगार मिल रहे हैं तो वहीं इस योजना के माध्यम से गांव की तस्वीर ही बदल रही है. जो सुविधाएं शहरी युवाओं को मिल रही है मनरेगा के तहत ऐसी सुविधाएं अब गांव में भी युवाओं के सहयोग से मिलने लगी है.
युवाओं ने कुछ ऐसा ठाना की 15 सालों से रेत के धोरों, झाड़ियों से पूर्णयता अटे मैदान की भूमि को ऊर्जा मंत्री व सरपंच के सहयोग से नरेगा की राशि से मैदान को समतल कर दिया और जल्द ही मैदान को तैयार करवा दिया जाएगा. जिससे गांव व क्षेत्र की प्रतिभाओं को सहायता मिलेगी. युवाओं का मानना है कि गांव में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं बस खेल मैदान नहीं होने की मन मे गुस्सा था और वो गुस्सा बंजर पड़े मैदान की भूमि पर निकाला और आज करीब 2 माह की मेहनत का परिणाम सामने आने लगा है और हर कोई कार्य की प्रशंसा कर रहा है.
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युवा बने मजदूर और मजदूरी का पैसा लगाया मैदान में
आज के समय में जगह जगह नरेगा के पैसों को लेकर शिकायत के साथ काम नहीं होने के आरोप लगते हैं,मगर गोडू के युवाओं ने बंजर मैदान की 12 बीघा जमीन को मैदान का रूप देने के लिए ऊर्जा मंत्री भंवरसिंह भाटी व सरपंच शारदा बिशनोई के प्रयासों से नरेगा से पैसे स्वीकृत करवाये. जिसके बाद खेलने वाले व गांव के युवाओं ने एक टीम बनाकर खुद ही काम करना शुरु किया और खुद ही मजदूर बन गए. सबसे मजेदार बात यह है कि नरेगा से मजदूरी के रूप में आने वाली राशि भी युवाओं ने अपनी जेब मे डालने के बजाय मैदान विकसित करने में लगा दी. जिसके चलते पिछले 2 माह से युवाओं की टीम गर्मी हो या बरसात सुबह से शाम तक कार्य मे जुटी रहती है.
अब तक यह हो चुका
खिलाड़ी सदासुख धारणियां ने बताया कि 15 वर्ष पहले मैदान को लेकर मात्र चारदीवारी बनी हुई थी. जिसके बाद में कभी भी किसी ने इस मैदान की सार संभाल नहीं ली. युवाओं ने गांव में खेल मैदान के अभाव को देखते हुए सरपंच व ऊर्जा मंत्री से मुलाकात की तो दोनों के प्रयासों से कार्य शुरू हुआ. जिसमें 1 महीने तक ट्रैक्टरों की मदद से मिट्टी को समतल,भारी तादाद में लगी झाड़ियों को हटाया गया. मिट्टी जमाने को लेकर नवीन ट्यूबेल का निर्माण,पानी टांके,विद्युत कनेक्शन,एक कक्ष,मुख्य द्वार का कार्य पूर्ण हो चुका है तो एथेलेटिक्स ट्रैक का 70 प्रतिशत कार्य पूर्ण किया जा चुका है. समतल किये क्रिकेट व फुटबॉल के मैदान में मिट्टी डालकर पिच का निर्माण कार्य शुरू किया जा चुका है. ट्यूबेल के माध्यम से मिट्टी को जमाया जा रहा है और रोलर से ट्रेक की मिट्टी व मैदान की मिट्टी को समतल किया जा रहा है.
यह बनेंगे खेल मैदान
उपसरपंच व खिलाड़ी बजरंग भाम्भू बताया कि 400 मीटर का एथेलेटिक्स ट्रेक,फुटबॉल, क्रिकेट, हॉकी,कब्बडी, खो खो व वॉलीबॉल मैदान के अलावा एक छोटा सा पार्क विकसित किया जाएगा. जिसमें घास और पुष्प पौधे होंगे. जहां से बैठे बैठे मैदान में चल रहे मैच का भी लुफ्त उठाया जा सकेगा जो मैदान से 20 फिट से ज्यादा ऊंचाई पर होगा.
युवाओं ने खुद ही बनाया नक्शा
मैदान की 12 बीघा जमीन पर कई खेल मैदान बनाने थे और नक्शे बनाने बिना आगे की योजना संभव नहीं थी. साथ ही पैसे बचाने अनिवार्य थे तो खिलाड़ियों ने खुद ही मैदान का स्कैच(नक्शा) तैयार किया और अनुभवी लोगों को दिखाया तो सभी ने प्रशंसा की और हौसला बढ़ाया. रूपरेखा बनाते हुए मैदान को उच्च स्तरीय मैदान बनाने का अभियान शुरू किया और अभियान सार्थक भी हुआ. आज हर कोई देखने वाला आश्चर्य जता रहा है और काम की प्रशंसा किए बिना नहीं रह रहा है. जल्द ही मैदान पर स्कूली व ओपन खेल प्रतियोगिता आयोजन भी होगी.
मनरेगा योजना बनी लाभदायक
सरपंच प्रतिनिधि सहीराम गोदारा ने बताया कि चारदीवारी के अलावा मैदान में कुछ नही था और चारदीवारी किनारे भी मिट्टी जमा हो चुकी थी. जिससे गिरने का डर था और युवाओं ने जब यह मांग रखी तो तुरंत ही हामी भरी गई और मनरेगा से करीब 10 लाख की राशि से कच्चा व पक्का कार्य प्रगति पर है. जिसका समस्त हिसाब युवा ही रख रहे हैं. गोदारा ने बताया कि मनरेगा योजना के माध्यम से खेल मैदान विकसित होने की कगार पर है और उसके लिए ऊर्जा मंत्री ने पूरा प्रयास किया अन्यथा यह काम होना असंभव सा लग रहा था मगर युवाओं ने वास्तव में पूरा हुलिया ने बदल कर रख दिया.
REPORTER-TRIBHUWAN RANGA
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