Rajasthan Budget 2023: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के जरिए पेश किए गए प्रदेश के आम बजट को लेकर बीकानेर जिले के लोगों को काफी आशाएं थी. कई बड़ी योजनाओं को लेकर लोग आस लगाए बैठे थे लेकिन, जिस तरह से बीकानेर जिले को हिस्से में बहुत ही कम योजनाओं का लाभ मिला है. जिससे कहीं खुशी तो कहीं मायूसी देखी जा रही है.
बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को अपना दसवां बजट पेश किया. आगामी विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए उन्होंने कई लोकलुभावन घोषणाएं की. गहलोत ने इस बजट में बीकानेर जिले को कई सौगातें दी है.
स्वस्थय सेवा को लेकर बड़ी सौगात
आम आदमी को स्वास्थ सेवा बढ़िया से बढ़िया मिले इसके लिए बीकानेर के ट्रोमा सेंटर के लिए 30 करोड़ रुपए प्रस्तावित किए है. इस घोषणा के साथ स्वास्थ सेवाओं में जहां इजाफा होगा, वहीं मरीजों को तुरंत और बेहतर सुविधा मिल सकेगी.
किसानों को दी सौगात
कृषि क्षेत्र का विकास करते हुए दो अलग अलग मंडी की घोषणा करते हुवे कोलायत में फल सब्जी मंडी वही खाजूवाला में कपास मंडी के साथ साथ बीकानेर में एग्रो पार्क जैसी बड़ी घोषणाएं शामिल की हैं.
श्री डूंगरगढ़ को मिली कई सौगात
श्री डूंगरगढ़ क्षेत्र में शहरी व ग्रामीण दोनों क्षेत्र को इस बजट से सौगात मिली है.श्रीडूंगरगढ़ के लिए बजट में 50 करोड़ रूपए की स्वीकृत दी गई है जिससे शहर की सबसे बड़ी समस्या ड्रेनेज का समाधान किया जाएगा. वही श्रीडूंगरगढ़ में घुमचक्कर पर नया बस स्टैंड के साथ साथ ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों के लिए मोमासर में सरकारी महाविद्यालय स्वीकृत के साथ कुचौर आथूणी के पशु चिकित्सालय को प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालय में क्रमोन्नत करने की घोषणा की वहीं मेऊसर में 33/11 केवी जीएसएस की स्वीकृति दी गई है.
श्रीकोलायत को भी मिली सौगात
श्रीकोलायत मुख्यालय पर नए आईटीआई महाविद्यालय खोला जाएगा. इससे तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा. श्रीकोलायत विधानसभा क्षेत्र की तीन महत्वपूर्ण सड़कों को मुख्य जिला सड़क घोषित करते हुए इनके नवीनीकरण, सात मीटर चौड़ज्ञईकरण और सुदृढ़ीकरण के लिए 158 करोड़ रुपये की स्वीकृति देते हुए यातायात व्यवस्था को और अधिक सुगम बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा सकता है.
हालाकि पूरे बजट के बीकानेर जिले के लोगो और भी कई घोषणा की आशा थी लेकिन मुख्यमंत्री द्वारा उनको बजट में शामिल नहीं करने से लोगो को निराशा हाथ लगी. कांग्रेस के लोग जहा इस बजट को राहत देने वाला बता तो वही विपक्षी दलों ने इसे जिले के लिए ऊंट के मुंह में जीरा जैसा बताया.