Chittorgarh News: जिला ब्लड बैंक पहुंचे टीम जीवनदाता संस्था के रक्तवीर गोपाल अहीर ने जिला महिला बाल चिकित्सालय में सेमलपुरा निवासी 7 माह की गर्भवती महिला अनुराधा जटिया को रक्तदान कर उसकी जिंदगी बचाई.
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Chittorgarh: रक्त एक ऐसा जीवनदृव्य है, जिसका किसी मशीन या फैक्ट्री में निर्माण नहीं किया जा सकता और न इस दुनिया मे खून का कोई विकल्प है. जब भी किसी रोगी को खून की आवश्यकता होती है तो कुछ रक्तवीर जो कि ईश्वर दूत बनकर अपने खून को दान कर किसी अनजान का जीवन बचाते है. इन्ही पंक्तियों को साकार करने जिला ब्लड बैंक पहुंचे टीम जीवनदाता संस्था के रक्तवीर गोपाल अहीर ने टीम जीवनदाता के अनुसार जिला महिला बाल चिकित्सालय में सेमलपुरा निवासी 7 माह की गर्भवती महिला अनुराधा जटिया को खून की ज्यादा कमी होने के कारण भर्ती किया गया जहां चिकित्सक ने खून की आवश्यकता बताई.
पति भेरूलाल जटिया अपनी पत्नी अनुराधा और होने वाले बच्चे की जिंदगी बचाने के लिए खून की तलाश में लग गए. लेकिन पत्नी का ब्लड ग्रुप एबी नेगेटिव होने के कारण काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. कई घण्टो तक प्रयास किया लेकिन कोई सफलता नही मिली इतने में अपने मित्र से बात कर सोशल मीडिया के माध्यम से टीम जीवनदाता संस्था से मदद के लिए अनुरोध किया तो टीम जीवनदाता गर्भवती की जान बचाने में लग गई.
टीम जीवनदाता द्वारा वंडर सीमेंट निम्बाहेड़ा के कर्मचारी गोपाल अहीर उंखलिया से सम्पर्क किया. तो एबी नेगेटिव ग्रुप के रक्तमित्र गोपाल अहीर अपना सारा काम छोड़ गर्भवती की जान बचाने के लिए चित्तौड़ के लिए निकल पड़े जहां गोपाल अहीर ने अपने जीवन का 19वां रक्तदान किया और गर्भवती को एक नया जीवन दिया.
गोपाल अब तक पहले भी आपातकालीन स्थितियों में 18 बार रक्तदान कर चुके हैं. पति भेरूलाल अपनी आपबीती के बाद यह सेवाकार्य देखकर टीम जीवनदाता से प्रेरणा लेकर पहली बार स्वेच्छिक रक्तदान किया पति भेरूलाल यह सेवाभाव देखकर भावुक हो गए आंखे नम हो गयी पति ने संकल्प लिया कि में जब तक जीऊंगा हर 3 माह में एक बार रक्तदान करूंगा. वहीं टीम जीवनदाता के रक्तवीर सेमलपुरा निवासी रतन लाल धाकड़ ने अपनी पुत्री के जन्मदिन पर हर वर्ष की तरह रक्तदान किया और जन्मदिन को एक अलग अंदाज में मनाया.
Reporter- Deepak Vyas