रतनगढ़: नियमों को ताक पर रख रेलवे अधिकार क्षेत्र में दी गई अवैध निर्माणों की स्वीकृति
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रतनगढ़: नियमों को ताक पर रख रेलवे अधिकार क्षेत्र में दी गई अवैध निर्माणों की स्वीकृति

शहर में जनचर्चा के अनुसार नगर पालिका की मिलीभगत से शहर के मुख्य बाजारों में बहु मंजिला अवैध कॉम्पलेक्स का निर्माण धड़ल्ले से जारी है. नगरपालिका के भ्रष्टाचार की पोल तो तब खुली, जब पालिका ने रेलवे के अधिकार क्षेत्र में भी नियमों को ताक पर रख कर स्वीकृति दे दी.

रतनगढ़: नियमों को ताक पर रख रेलवे अधिकार क्षेत्र में दी गई अवैध निर्माणों की स्वीकृति

Ratangarh: क्षेत्र में इन दिनों मुख्य बाजारों सहित अन्य स्थानों पर व्यवसायिक कॉम्प्लेक्स के धड़ल्ले से हो रहे दर्जनों अवैध निर्माण चर्चा का विषय बने हुए हैं. शहर में व्यवसायिक प्रतिष्ठान एवं कॉम्प्लेक्स के अधिकतर निर्माणकर्ता नगर पालिका से स्वीकृति लेना भी जरूरी नहीं समझते. कुछ एक जो स्वीकृति लेते हैं, वे आवासीय स्वीकृति लेकर व्यवसायिक निर्माण कराते हैं.

शहर में जनचर्चा के अनुसार नगर पालिका की मिलीभगत से शहर के मुख्य बाजारों में बहु मंजिला अवैध कॉम्पलेक्स का निर्माण धड़ल्ले से जारी है. नगरपालिका के भ्रष्टाचार की पोल तो तब खुली, जब पालिका ने रेलवे के अधिकार क्षेत्र में भी नियमों को ताक पर रख कर स्वीकृति दे दी.

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ZEE राजस्थान की अवैध निर्माण पर खबर चलने के बाद आनन-फानन में तत्कालीन ईओ सहदेव दान ने बिना प्रारूपकार की रिपोर्ट करवाए और नक्शा स्वीकृत करवाए शहर के रेलवे स्टेशन के सामने रेलवे अधिकार क्षेत्र में निर्माणधीन अंडर ग्राउंड सहित बहुमंजिला व्यवसायिक कॉम्प्लेक्स के निर्माण की अवैध रूप से स्वीकृति दे दी, जिसको लेकर दो दिन पूर्व नगरपालिका की बैठक में सत्तापक्ष और विपक्ष के पार्षदों ने भी हंगामा करते हुए सवाल खड़े कर दिए. इसके बाद पालिका चेयरमैन बैठक छोड़कर चली गई.

इस निर्माण को लेकर पार्षदों ने रेलवे विभाग, नगरपालिका और जिला कलेक्टर को भी शिकायत कर रखी है, इसके बावजूद भी कॉम्प्लेक्स का निर्माण दिन रात बदस्तूर जारी है. इसी प्रकार शहर के मुख्य बाजार में अशोक स्तंभ और घण्टा घर के बीच निर्माणाधीन बहुमंजिला व्यवसायिक प्रतिष्ठानों का भी बिना स्वीकृति धड़ल्ले से निर्माण जारी है, तथा गढ़ के पीछे भी व्यवसायिक कॉम्प्लेक्स का निर्माण आवासीय स्वीकृति लेकर पिछले कई दिनों से जारी है, इसी प्रकार लिंक रोड पर एक साथ करीब एक दर्जन दुकानों का निर्माण भी बिना इजाजत धड़ल्ले से जारी है. पालिका की इस सांठगांठ से सरकार को लाखों की राजस्व हानि हो रही है. 

अवैध निर्माणों पर कोई प्रभावी अंकुश नहीं लगाया गया 
गौरतलब रहे कि ZEE राजस्थान पर अवैध निर्माण की शिकायतों की खबर प्रसारित होने के बाद स्वायत शासन विभाग ने कार्रवाई करते हुए तत्कालीन ईओ सहदेव दान को एपीओ कर दिया था. इसके बाद भी पालिका प्रशासन द्वारा अवैध निर्माणों पर कोई प्रभावी अंकुश नहीं लगाया गया है, जिसको लेकर दो दिन पूर्व हुई नगर पालिका की बैठक में पार्षदों द्वारा आवाज उठाते हुए सभी व्यवसायिक अवैध निर्माणों पर प्रभावी कार्रवाई करने की मांग की गई थी, जिस पर पालिका के ईओ भगवान सिंह ने बताया कि अवैध निर्माण कर्ताओं को नोटिस जारी किए गए हैं और शीघ्र ही अवैध निर्माणों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. रेलवे अधिकार क्षेत्र में दी गई स्वीकृति को स्वीकार करते हुए उन्होंने जांच करने की बात कही.

ACB को शिकायत कर मामलों में जांच करवाने की मांग
पालिका अध्यक्ष अर्चना सारस्वत ने भी क्षेत्र में हो रहे अवैध निर्माण की बात को स्वीकार कर पार्षदों द्वारा की गई शिकायतों को सही मानते हुए कहा कि अधिशाषी अधिकारी से बात कर अवैध निर्माणों पर शीघ्र ही प्रभावी कार्रवाई की जाएगी. ज्ञात रहे कि नगरपालिका में हो रहे भ्रष्टाचार व अवैध व्यसायिक निर्माणों को लेकर विधानसभा कांग्रेस प्रत्याशी और निवर्तमान जिलाध्यक्ष भंवरलाल पुजारी ने भी मुख्यमंत्री कार्यालय, डी एल बी, जिला कलेक्टर और ACB को शिकायत कर मामलों में जांच करवाने की मांग की है. 

क्या कहना है प्रतिपक्ष नेता लालचंद प्रजापत का
प्रतिपक्ष नेता लालचंद प्रजापत ने बताया कि पालिका की कार्यशैली से नाराज होकर हमने प्रदर्शन कर विरोध जताया था, जिस पर नगर पालिका की ओर से हमारे ऊपर मुकदमा दर्ज करवा दिया गया. पार्षद हो या आमजन अब नगरपालिका के प्रति आवाज उठाने से डरते हैं. कहीं उन पर भी मुकदमा दर्ज नही हो जाये. आज तक के इतिहास में मुद्दा उठाने वाले पार्षदों पर प्रथम बार इस शासन में ही मुकदमे दर्ज करवये गए हैं, जो शहर में चर्चा का विषय बने हुए हैं.

Reporter- Gopal Kanwar

 

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