जिले से लम्पी पूर्णतया खत्म हो इसके लिये गो सेवक दिन रात गायों की सेवा में जुटे हुए हैं.
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Dausa: लंपी स्किन डिजीज को लेकर सरकार ने बेशक संक्रमित गायों के उपचार के लिए भरसक प्रयास किए हो लेकिन दौसा जिले में गोमाता को बचाने के लिए आमजन ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी. गायों को बचाने के लिये जिले के धार्मिक ओर सामाजिक संगठन आगे आये तो वही स्व प्रेरित आमजन ने भी बढ़ चढ़कर सहयोग किया. जिसके चलते दौसा में लम्पी का कहर कम हो रहा है.
जिले से लम्पी पूर्णतया खत्म हो इसके लिये गो सेवक दिन रात गायों की सेवा में जुटे हुए हैं. जिला मुख्यालय पर स्थित श्रीराम मंदिर में लम्पी संक्रमित गायों के लिये बनाये गए अस्थायी आइसोलेशन सेंटर की बदौलत सैकड़ों गायों का जीवन बचाया गया.
दौसा जिले में अब तक लंपी स्किन डिजीज से संक्रमित 27706 गाएं पशुपालन विभाग ने चिन्हित की. जिनमें से 16000 गाय रिकवर भी हो चुकी हैं तो वहीं 1539 गायों की मौत भी हुई. पूर्व में प्रतिदिन करीब डेढ़ हजार केस सामने आ रहे थे लेकिन अब घटकर सो से सवा सौ केस रह गए. वहीं लम्पी के शुरुआत के समय 80 से 85 गायों की प्रतिदिन मौत हो रही थी लेकिन अब 10 से 15 गायों की मौत का आंकड़ा सामने आ रहा है.
ऐसे में जिले में लम्पी का कहर कहीं न कहीं कम होता दिखाई दे रहा है. यह गो भक्तों के लिए भी राहत की बात है. लम्पी स्किन डिजीज से निपटने के लिए राज्य और केंद्र सरकार ने भरसक प्रयास किए लेकिन आमजन ने भी गोसेवा में अपनी जिम्मेदारी निभाने में कोई कसर नहीं छोड़ी और उसी की बदौलत आज जिले में दिन प्रतिदिन लम्पी बीमारी में गिरावट दर्ज की जा रही है.
लंबी संक्रमित गायों के उपचार के लिए एक और जहां लोगों ने पैसा दिया तो वही अपने खर्चे से अस्थाई लम्पी आइसोलेशन सेंटर भी स्थापित किए जहां दिन-रात समय देकर गायों की सेवा की.
दौसा जिला मुख्यालय पर स्थित श्रीराम मंदिर में आमजन ने अपने सहयोग से और लोगों के सहयोग से लम्पी आइसोलेशन सेंटर स्थापित किया जहां कहीं से भी लम्पी संक्रमित गाय की सूचना मिलती तो दिन हो या रात मौके पर पहुंचकर गाय को क्रेन से वाहन में रखा जाता और आइसोलेशन सेंटर लाकर उसका उपचार किया गया. जिसकी बदौलत श्री राम मंदिर गौ सेवा समिति द्वारा सैकड़ों लम्पी संक्रमित गायों की जान बचाई गई. वहीं आयुर्वेदिक दवा और काढ़ा बनाकर भी गायों को खिलाया गया साथ ही बची हुई दवा को अन्य जगहों पर भेजा गया.
पूर्व में लम्पी स्किन डिजीज की दर काफी अधिक थी जिसके चलते हालात भयावह थे लेकिन आमजन ने अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए जिले में लम्पी पर नियंत्रण करने में अहम भूमिका निभाई. समिति से जुड़े हुए लोगों ने अपने काम धंधे छोड़कर गो माता की सेवा में तन मन धन से सहयोग दिया और उसकी बदौलत दौसा जिला मुख्यालय पर सैकड़ों गायों की जान बची.
इस काम में लाखों रुपए का खर्चा हुआ लेकिन वह सब के सामूहिक सहयोग से पूरा हुआ पशुपालन विभाग और गो भक्तों की माने तो जिले में लम्पी स्किन डिजीज बीमारी काफी हद तक नियंत्रण में है और आने वाले समय में जल्द ही दौसा जिले को इससे मुक्ति भी मिल सकेगी .
Reporter- LAXMI AVATAR SHARMA
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