धौलपुर कौमी एकता की मिसाल है. लक्खी मेले के साथ ही अब्दाल शाह बाबा का उर्स भरता है.
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Dholpur: धौलपुर जिले में स्थित तीर्थराज मचकुंड पर प्रतिवर्ष देवछठ के मौके पर लगने वाले लक्खी मेले की शुरुआत कल गुरुवार ऋषि पंचमी के पर्व पर शाही स्नान के साथ होगी. सभी तीर्थो का भांजा कहे जाने वाले मचकुंड सरोवर पर ग्वालियर, मुरेना, अयोध्या, वृन्दावन, मथुरा और अन्य जिलो से संतो के शाही स्नान के बाद ही श्रद्धालू सरोवर में डुबकी लगाएंगे. दो दिनों तक चलने वाले इस मेले में देश भर के लाखो श्रद्धालु भाग लेने पहुंचते हैं.
कौमी एकता की मिसाल माने जाने वाले इस मेले में तीर्थराज मचकुंड के साथ पहाड़ वाले अब्दाल शाह बाबा का उर्स भी आयोजित होता है. जिसमे उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश और राजस्थान के आस-पास के क्षेत्रों से जायरीन भाग लेते है.ऋषि पंचमी के मौके पर शुरू होने वाले दो दिन के लक्खी मेले में बड़ी संख्या में पहुंचने वाले श्रद्धालुओ की सुरक्षा के लिए पुलिस प्रशासन की और से भी ख़ास इंतजामात किये गए है. पुलिस प्रशासन की ओर से इस बार तकरीबन चार सौ पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है साथ ही प्रशासन ने भी पचास से अधिक कर्मचारी मेला में लगाए हैं,जो दो दिन-रात लगातार मेले की सुरक्षा में मौजूद रहेंगे.
धौलपुर स्थित तीर्थराज मचकुंड पर 1 व 2 सितंबर को देव छठ मेले का आयोजन किया जाना हैं. उसी दिन मचकुंड रोड स्थित पहाड़ वाले बाबा का सालाना उर्स तथा मजार पर मुशायरा व कव्वाली कार्यक्रम भी आयोजित होगा. जिला कलक्टर ने बताया कि मेले तथा उर्स के दौरान कानून व्यवस्था व सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए अतिरिक्त जिला कलक्टर सुदर्शन सिंह तोमर को मेला अधिकारी तथा उपखंड अधिकारी धौलपुर भारती भारद्वाज को मेला मजिस्ट्रेट नियुक्तकिया गया है
लाखों की भीड़ देवछठ पर मचकुंड पर लगने वाले मेले में राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश समेत कई राज्यों से लाखों की श्रद्धालु मचकुंड सरोवर में स्नान और परिक्रमा करने आते हैं. वर्ष 2020 और 2021 में कोविड के कारण यह मेला नहीं लग पाया था. ऐसे में इस बार बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के उमडऩे की उम्मीद है.श्रद्धा का केन्द्र हैं पहाड़ वाले बाबा मचकुंड रोड पर ही पहाड़ वाले बाबा की दरगाह है. यह दरगाह हिन्दू और मुस्लिम दोनों समुदायों की श्रद्धा का केन्द्र है. हर गुरुवार को यहां बड़ी संख्या में लोग जुटते हैं. यहां सालाना उर्स पर आगरा, ग्वालियर, झांसी, मथुरा, दिल्ली आदि स्थानों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आकर दरगाह पर शीश नवाते हैं
नवविवाहित जोड़ों की सहरे की कलंगी को सरोवर में की जाती है विसर्जित
2 दिन तक चलने वाले मेले में लाखों की संख्या में श्रद्धालु धौलपुर पहुंचकर तीर्थराज मचकुंड में डुबकी लगाते हैं. कालयवन के वध के लिए मशहूर सभी तीर्थों के भांजे तीर्थराज मचकुंड में डुबकी लगाने के बाद श्रद्धालु नवविवाहित जोड़ों की कलंगी को सरोवर में विसर्जित करते हैं. मान्यता है कि तीर्थराज मचकुंड में नवविवाहित जोड़ों की कलंगी का विसर्जन करने से उन्हें दीर्घायु होने का आशीर्वाद मिलता है. मचकुंड के साथ लगता है अब्दाल शाह बाबा का मेला कौमी एकता के लिए मशहूर धौलपुर जिले में मचकुंड रोड पर तीर्थराज मचकुंड से पहले अब्दाल शाह बाबा का पहाड़ मौजूद है. जहां मेले के पहले दिन मुशायरा और दूसरे दिन कव्वाली का आयोजन होता है.
Reporter- Bhanu Sharma
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