बेखौफ बदमाश खुलेआम दे रहे हैं वारदातों को अंजाम, कोचिंग करने आए विद्यार्थी को जमकर पीटा
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बेखौफ बदमाश खुलेआम दे रहे हैं वारदातों को अंजाम, कोचिंग करने आए विद्यार्थी को जमकर पीटा

राजस्थान न्यूज: बेखौफ बदमाश खुलेआम वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. कोचिंग करने आए विद्यार्थी को जमकर पीटा गया. फिलहाल पुलिस की टीम मामले की जांच में जुट गई है.

 

बेखौफ बदमाश खुलेआम दे रहे हैं वारदातों को अंजाम, कोचिंग करने आए विद्यार्थी को जमकर पीटा

धौलपुर: कस्बे में असामाजिक तत्वों के द्वारा गांव उमरेह से बाड़ी ट्यूशन करने आए एक छात्र को कुछ लड़कों ने जमकर पीटा. जिससे वह बुरी तरह घायल हो गया. पीड़ित द्वारा थाने में मामला भी दर्ज कराया गया. 

दर्ज मामले के मुताबिक अंकित पुत्र बनवारी लाल निवासी उमरेह ने बताया कि जब वह बाड़ी कोचिंग के लिए आया तो बस स्टैंड के पास नामजद दो युवक व अन्य अनजान लड़के ने उसे घेर लिया तथा उसको गालिंया दी. इतना ही नहीं थोड़ी ही देर में सभी आरोपियों ने लोहे के कड़े से पीड़ित के सर पर वार कर दिया तथा बेल्टों से पिटाई की. जिससे वह बुरी तरह लहूलुहान हो गया. आसपास खड़े लोगों ने जब किसी तरह गुंडो से उसे छुड़ाया तब सभी आरोपी भाग खड़े हुए.

कोचिंग संचालकों के क्षेत्र में हर रोज होती हैं वारदातें

बाड़ी में कोचिंग का धंधा बड़े पैमाने पर संचालित होता है. जिसे लेकर लगातार शिकायत भी आती रहती हैं. घनी बस्तियों में घरों के अंदर इस तरह से ट्यूशन संचालित करने का धंधा लंबे समय से चल रहा है. इसे लेकर ना तो प्रशासन ही कोई कड़ी कार्रवाई करता है और ना ही स्थानीय लोगों की कोई सुनता है.

बाड़ी के गांधी पड़ा, दमदम पाड़ा, बटवाल पाड़ा, मोदी पाड़ा, किला सहित कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर ऐसी अवैध ट्यूशन संचालक बीच बस्तियों में अपना गोरख धंधा चला रहे हैं. जिससे आसपास रहने वाले लोगों की शांति तो भंग हो ही रही है. वहीं यह सब असामाजिक तत्वों का सबसे बड़ा हॉटस्पॉट भी बनते जा रहे हैं.

बाड़ी में लगभग सभी ट्यूशन संचालक अंधी कमाई के लालच में छात्र-छात्राओं को एक साथ पढ़ाने का काम करते हैं. यही कारण है कि छिछोरे टाइप के असामाजिक तत्व लगातार इन ट्यूशन केंद्रों के बाहर तथा कभी-कभी ट्यूशन का बहाना कर ट्यूशन स्थल पर पहुंच जाते हैं जो आए दिन किसी न किसी वारदात को अंजाम देते रहते हैं. यह सब उन्हीं ट्यूशन संचालकों की देखरेख में होता है लेकिन लालच के मारे और प्रशासन से बेखौफ यह सभी ट्यूशन संचालक लगातार अपनी चांदी काटने में मशगूल हैं.

सिविल ड्रेस में नहीं रहती पुलिस

वैसे तो पुलिस प्रशासन का कभी भी ऐसे हॉटस्पॉट पर आना नहीं देखा जाता लेकिन कभी जब ज्यादा शिकायतें होती हैं तो खानापूर्ति के लिए एकआध सिपाही पहुंच भी जाता है लेकिन वह भी वर्दी में ऐसे में आदतन अपराधी के युवक जो पुलिस को पहचानने में माहिर होते हैं. वर्दी के साथ उन्हें पकड़ पाना या चिन्हित कर पाना कतई संभव नहीं है. कई बार स्थानीय लोगों ने सादे वर्दी में पुलिस गश्त की मांग की है तथा कठोर से कठोर कार्रवाई की भी मांग रखी है लेकिन प्रशासन अपनी खानापूर्ति करने में मस्त है.

स्थानीय लोगों ने प्रशासन से आग्रह कर कहा है कि ऐसे सभी ट्यूशन केंद्र और संचालकों को चिन्हित किया जाए जो घरों के अंदर अथवा घनी बस्तियों में ट्यूशन केंद्र चला रहे हैं उन सभी को पाबंद कर बस्तियों से बाहर इस तरह के कारोबार की हिदायत दी जाए. साथ ही ट्यूशन केंद्रों के बाहर होने वाली वारदातों को लेकर ट्यूशन संचालकों को भी जिम्मेदार ठहराया जाए.

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