राजस्थान में ERCP यानि ईस्टन राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट को लेकर सियासत गर्मा रही है. पर सियासत के साथ अब सवाल यह भी उठने लगा है कि पानी से जुड़ा यह मुद्दा आखिर कब पूरा होगा. क्या बिना केंद्र सरकार की मदद के प्रदेश में ERCP का सपना पूरा हो पाएगा.
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Jaipur: राजस्थान में ERCP यानि ईस्टन राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट को लेकर सियासत गर्मा रही है. पर सियासत के साथ अब सवाल यह भी उठने लगा है कि पानी से जुड़ा यह मुद्दा आखिर कब पूरा होगा. क्या बिना केंद्र सरकार की मदद के प्रदेश में ERCP का सपना पूरा हो पाएगा. तो चलिए एक आज इन सवालों के जवाबों को आप तक पहुंचाने का काम करते है जिससे आपको ये समझ में आएगा कि ये प्रोजेक्ट राजस्थान के लिए कितना महत्वपूर्ण है.
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क्या है ERCP परियोजना
ईस्टर्न राजस्थान कैनाल योजना की घोषणा 2017-2018 के बजट में तत्कालीन वसुंधरा राजे सरकार ने की थी. जानकारों के अनुसार ईआरसीपी परियोजना के जरिए झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी , सवाई माधोपुर जैसे 13 जिलों की सिंचाई और पानी की जरूरतों को पूरा किया जा सकता है. रिपोर्ट्स की मानें, तो इस योजना के लिए मुख्यमंत्री पिछले दो साल में आधा दर्जन पत्र प्रधानमंत्री और जल शक्ति मंत्री को लिख चुके हैं. प्रोजेक्ट की डीपीआर बने पांच साल से भी ज्यादा समय हो चुका है, लेकिन फिर भी यह मुद्दा केंद्र और राज्य के बीच अटका हुआ है और अब इस पर सियासत भी हावी है.
सिंचाई के लिए भी मिल सकेगा पानी
राजस्थान में यदि ERCP प्रोजेक्ट पूरा हो जाए तो 13 जिलों में पानी की समस्या 2051 तक खत्म हो जाएगी,क्योंकि इससे 1723 मिलियन घन मीटर पेयजल आ पाएगा.इसके अलावा 2 लाख हैक्टेयर नए क्षेत्र में सूक्ष्म सिंचाई पद्धति से सिंचाई शुरू हो पाएगी. इसके साथ साथ उघोगो और मुंबई औघोगिक गलियारा के उपयोग के लिए 266 घन मीटर पानी उपलब्ध हो सकेगा.
इसके प्रोजेक्ट के जरिए 6 बैराज और 1 बांध बनाया जाएगा. जिसके अंतगर्त कुन्नू बैराज,रामगढ,महलपुर,नवनेरा,मेज,राठौड बैराज के साथ बनास नदी पर सवाईमाधोपुर में डूंगरी बांध बनाए जाएंगे. इस प्रोजेक्ट से झालावाडा,बांरा,कोटा,बूंदी,सवाईमाधोपुर,अजमेर,टोंक,जयपुर,दौसा,करौली,अलवर,भरतपुर,धौलपुर को पानी पिलाया जाएगा.
37 हजार करोड रूपए खर्च होंगे-
ईस्टन राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट में करीब 37 हजार 247 करोड खर्च किए जाएंगे, जिसमें से अब तक 1130 करोड़ खर्च किए जा चुके है. इसके साथ ही नवनेरा और ईसरदा बांध का काम भी शुरू हो चुका है. इस नहर की लंबाई 1268 किलोमीटर होगी. जिसमें ग्रेविटी फीडर की लंबाई 965 किलोमीटर,टनल की लंबाई 4.5 किलोमीटर,पंपिंग मैन की लंबाई 141 किलोमीटर,नेचुरल स्ट्रीम की लंबाई 157.5 किलोमीटर होगी.परियोजना में 15 जगहों पर पंपिंग स्टेशन बनाए जाएंगे.
तो 10 साल में पूरा हो सकता है प्रोजेक्ट
राजस्थान में यदि 4 हजार करोड़ सालाना खर्च हो तब जाकर ईस्टन राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट 10 साल में पूरा होगा.हालांकि राज्य सरकार ने इस प्रोजेक्ट के 9600 करोड़ का बजट का प्रावधान किया गया है. हालांकि अभी तो सिर्फ काम ही शुरू हुआ है. ऐसे में अब सवाल यही है कि क्या केंद्र सरकार के बिना अनुमति के राजस्थान सरकार इस प्रोजेक्ट को पूरा कर पाएगी.
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