7th Pay Commission: केंद्र ने केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ा झटका दिया है, केंद्र के इस झटके से करीब 65 लाख कर्मचारी और 48 लाख पेंशनर्स प्रभावित होंगे. दरअसल अब केंद्र सरकार ने 18 माह का एरियर देने से मना कर दिया है. इससे एक बार फिर लाखों कर्मचारियों के उम्मीदों को झटका लगा है.
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7th Pay Commission: केंद्र सरकार ने करीब एक करोड़ कर्मचारियों को झटका दिया है, आपको बता दें बढ़ती महंगाई और आए दिन बढ़ रहे खर्चे के बीच लाखों कर्मचारियों को केंद्र सरकार से एरियर की उम्मीद थी. लेकिन अब इस उम्मीद पर एक बार फिर से पानी फिर गया है.केंद्र सरकार ने 18 माह का एरियर (DA Arrear) देने से साफ मना कर दिया है. इससे करीब 65 लाख कर्मचारियों और 48 लाख पेंशनर्स प्रभावित हो रहे हैं. इस खबर के बाद इन कर्माचरियों के चेहरे पर मायूसी छा गई है.
सरकार की तरफ से केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी लिखित जवाब देते हुए इस पर लोकसभा में जानकारी साझा की. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की डीए एरियर देने की कोई योजना नहीं है. केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशन भोगियों के कोरोना काल के बीच फ्रीज किए गए एरियर और डीए देने की कोई तैयारी नहीं है.
इनके पैसे से करीब 34,402.32 करोड़ रुपये की बचत हुई थी. इस राशि का प्रयोग कोरोना महामारी के दौरान किया गया था.जिसके अंतर्गत जीवन रक्षक दवाओं और बीमारी से लड़ने पर एक बड़ी राशि खर्च हुई थी.
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान साल 2020 में केंद्रीय कर्मचारी और पेंशर्नस के डीए और डीआर हाइक की तीन किस्त को रोक दिया था. जनवरी 2020, जुलाई 2020 और जनवरी 2021 के बाद इसे जुलाई 2021 में बहाल किया गया.
कर्मचारी संघ लगातार सरकार से 18 महीने के डीए एरियर के भुगतान की मांग कर रहे थे. कई बार आवेदन और ज्ञापन भी दिए लेकिन सरकार ने इस मामले को लेकर अपना रुख भी स्पष्ट कर दिया है. 18 महीने के महंगाई भत्ता और महंगाई राहत देने से साफ इनकार कर दिया है.
कर्मचारी और पेंशनर्स को जानें कितने का होता फायदा
यदि केंद्र सरकार केंद्र के 65 लाख कर्मचारी और 48 लाख पेंशनर्स को 18 माह का एरियर और डीए देती तो कितने का फायदा होता. यह भी एक बड़ा सवाल है,दरअसल यदि केंद्र सरकार एरयिर का भुगतान करती तो लेवल-1 के कर्मचारियों का DA बकाया 11,880 रुपये से लेकर 37,554 रुपए तक का फायदा होता. ग्रेड के हिसाब से राशि अलग-अलग होती. खैर ऐसा होना अब संभव नहीं है. इस वजह से कर्मचारी काफी मायूस और उदास हैं.
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