Jaipur: शौच के लिए सोच बदली फिर भी नहीं खुला सरकारी खजाना, गरीबों के 120 करोड़ अटके
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Jaipur: शौच के लिए सोच बदली फिर भी नहीं खुला सरकारी खजाना, गरीबों के 120 करोड़ अटके

Jaipur News: राजस्थान के गांवों में स्वच्छ भारत मिशन के तहत लोगों ने घर-घर शौचालय का निर्माण करवाया लेकिन सरकारी खजाने से योजना का पैसा उनके खातों तक नहीं पहुंच पाया है.

स्वच्छ भारत मिशन के तहत बने शौचालय

Jaipur News: एक समय ऐसा था जब राजस्थान के गांवों में खुले में शौच की बात बिल्कुल आम थी, लेकिन स्वच्छ भारत मिशन के जरिए राजस्थान के गांवों की तस्वीर और तकदीर भी बदलने लगी है. गांव के लोगों ने स्वच्छ भारत मिशन को लागू करने में अपनी सोच बदली और घर-घर शौचालय का निर्माण करवाया, लेकिन जब पैसे देने की बारी आई तो सरकारी सिस्टम ने अपने हाथ बांध लिए.

कब खुलेगा सरकारी खजाना

इस दौरान कोई मजदूर था, कोई मजबूर था,कोई आर्थिक हालातों के सामने टूट चुका था लेकिन इन गरीब परिवारों के सामने स्वच्छ भारत मिशन का दस्तूर था. भला कैसे इस संकल्प को साकार करने के लिए अपने कदम पीछे हटाते क्योंकि ये खुले में शौच और सोच बदलने का विकल्प था. राजस्थान के लाखों गरीब परिवारो ने जैसे तैसे शौचालय तो बना लिए,लेकिन आज तक सरकारी खजाने से योजना का पैसा उनके खातों तक नहीं पहुंचा. राजस्थान में इस साल 2 लाख से ज्यादा परिवारों के खातों में पैसा डालने का लक्ष्य है, लेकिन अब 1 लाख से ज्यादा परिवारों के खातों में अब तक पैसा नहीं पहुंचा. जिससे लाभार्थी परेशान हो रहें हैं, पंचायतों के चक्कर काट रहें हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही.

गरीब परिवारों के 120 करोड अटके

राजस्थान ने स्वच्छ भारत की इबादत को दिख दी गई है, सरकारी सिस्टम की लापरवाही के सामने लाखों ग्रामीण परिवार योजना की राशि के लिए मोहताज हो गए.12 हजार रूपए की राशि हर लाभार्थी परिवार को मिलनी है. इस साल 1 लाख से ज्यादा परिवारों को योजना की राशि नहीं पहुंची. इस हिसाब से 120 करोड़ रूपए स्वच्छ भारत मिशन के अंर्तगत गरीब परिवारों के अटके हुए है. आधा साल से ज्यादा गुजर गया लेकिन अब तक अधिकारी नींद में सो रहें हैं. हैरानी इस बात कि है कि राजस्थान के पास एसबीएम के खाते में 159 करोड की राशि है लेकिन इसके बावजूद अफसर पैसा दबाकर बैठे है. ऐसे में अब ग्रामीण विकास मंत्री रमेश मीणा का कहना है कि लापरवाह जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

अब तो आस भी टूटने लगी है

इन गरीब परिवारों को कब तक शौचालयों की राहत मिलेगी क्योंकि बार-बार इस योजना में ऐसी ही धुंधली तस्वीर दिखाई दे रही है. शौचालय तो बनवा दिए जाते हैं लेकिन इनका पैसा खातों तक पहुंच नहीं पाता. ऐसे में अब इन गरीब परिवारों की आस टूटने लगी है.

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