Garuda Purana : श्रीमदभागवत गीता(Shrimad Bhagwat Geeta) में भगवान श्रीकृष्ण(Shri Krishna ) ने बताया है कि आत्मा(spirit) अजर-अमर है. जिस तरह से व्यक्ति अपने वस्त्रों को बदलता है, आत्मा उसी तरह मनुष्य शरीर को बदलती है. मोक्ष ना मिलने तक ये आत्मा जन्म लेती रहती है और माया मोह में बंधकर रह जाती है. ऐसे में स्त्री पुरुष किसी भी रूप में दुबारा जन्म(Reincarnation) हो सकता है. लेकिन आपके कर्म ही ये निश्चित करते हैं कि जन्म किस रूप में होगा.
गरुड़ पुराण में बताया गया है कि अगर कोई मनुष्य पशुओं के समान व्यवहार करता है. या फिर उन्हीं चीजों का सेवन करता है, जिसका पशु करते हैं, तो ऐसे मनुष्य को निश्चित रूप से अगले जन्म में पशु ही बनते हैं.
गरुड़ पुराण में बताया गया है कि मृत्यु के अंतिम समय में अगर पुरुष की आसक्ति स्त्री में हो या फिर वो किसी स्त्री को याद कर अंतिम सांस ले तो फिर वो अगले जन्म में स्त्री रूप में दिखेगा. इसीलिए कहा जाता है कि अंतिम समय में परमेश्वर को ध्यान करना चाहिए.
कोई पुरुष महिलाओं जैसा आचरण करता है, स्वभाव में महिलाओं वाली आदतें ले आता है या वही काम करना चाहता है जो एक महिला को करना चाहिए तो ऐसा पुरुष अगले जन्म में महिला बनता है.
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