IPS Divya Tanwar: हमने आज तक कई लोगों का सफलता की कहनी सुनी और पढ़ी है. इसी के चलते आज हम आपको एक ऐसी लड़की की कहानी बताने जा रही हूं, जिनकी मां मजदूरी करती थी और पिता का उनके स्कूल वक्त में निधन हो गया था. इतना कुछ होने के बाद भी इस लड़की ने हार नहीं मानी और एक IPS बनीं. यह कहानी आईपीएस दिव्या तंवर की है.
आईपीएस दिव्या तंवर हरियाणा के महेंद्रगढ़ की रहने वाली हैं. दिव्या तंवर ने बिना कोचिंग के यूपीएससी परीक्षा की तैयारी की और पास भी किया. इनकी मां कम पढ़ी-लिखी थीं, लेकिन उन्होंने अपने बेटी को मजदूर करके एक ऑफिसर बनाया.
आईपीएस दिव्या तंवर ने नवोदय विद्यालय महेंद्रगढ़ से अपनी स्कूल की पढ़ाई पूरी की है. दिव्या तंवर के घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी और स्कूलिंग के दौरान उनके पिता की मौत हो गई. इसके बाद उनके सामने काफी सारी परेशानी आन पड़ी और दुखों का पहाड़ टूट पड़ा था. दिव्या तंवर बचपन से ही पढ़ाई में काफी होशियार थीं.
उनकी मां सिलाई-कढ़ाई और मजदूरी करके अपने तीनों बच्चों तनीषा, साहिल और दिव्या को पढ़ाया और अपने पैरों पर खड़ा किया. आईपीएस दिव्या तंवर ने बीएससी पास करने के बाद UPSC की तैयारी की.
आईपीएस दिव्या तंवर का घर काफी छोटा था, जिसमें एक छोटे से कमरे में वह रोज 10 घंटे पढ़ाई करती थी. इसी तरह उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी की और 21 साल की उम्र में पहली बारी में यूपीएससी परीक्षा पास की.
आईपीएस दिव्या तंवर ने 2021 में यूपीएससी परीक्षा दी थी, जिसमें 438वीं रैंक मिली और Youngest IPS ऑफिसर बनीं.
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