Viral News: कहते हैं कि इंसानियत से बड़ा कोई धर्म नहीं होता है. अगर आप किसी को सुख नहीं दे सकते हैं तो उसे दुखी करने का कोई हक नहीं है. साथ ही आपने यह भी सुना होगा कि जाको राखे साइंया मार सके न कोय... इसी साल अप्रैल में उत्तर प्रदेश के एटा जिले में ऐसा ही वाकया सामने आया, जब एक महिला ट्रेन में सफर कर रहे लोगों के लिए भगवान बनकर सामने आई. उसने अपनी लाल साड़ी का पल्लू लहराकर कई लोगों की जान बचा ली.
सभी जानते हैं कि रेलवे हमारे देश की जान है. बिना ट्रेनों को यहां एक भी दिन कोई काम होना मुश्किल है. पटरियों पर चलने वाली ट्रेन को यात्रा के सुरक्षित साधनों में से एक माना जाता है लेकिन अगर पटरी टूटी हो तो हादसे की आशंका हो जाती है. आपने अक्सर ही देखा होगा कि रेलवे के लोग भी जगह-जगह पटरी चेकिंग के काम में लगे रहे हैं. वहीं, इस ग्रामीण महिला ने जिस तरीके से टूटी पटरी से लोगों को बचाने के लिए कदम उठाया, पूरा इंटरनेट उनकी तारीफ कर उठा.
जानकारी के मुताबिक, एटा जिले के अवावगढ़ इलाके के गुलरिया गांव में रहने वाली ओमवती नाम की महिला सुबह सवेरे अपने खेत जा रही थी. समय करीब 8 बजा था. गांव के पास कुलबा रेलवे हाल्ट स्टेशन है. स्टेशन से महज करीब 100 मीटर की दूरी पर ओमवती ने टूटी पटरी देखी तो उनके होश उड़ गए. खास बात तो यह थी कि ओमवती जानती थी कि कुछ ही देरी में वहां से एटा-टूंडला पैसेंजर ट्रेन गुजरती है. ओमवती एकदम से परेशान हो गई.
इस दौरान ओमवती ने दिमाग के घोड़े दौड़ाए और हिम्मत से काम लिया. उन्होंने सोच लिया कि कुछ भी करके यात्रियों की जान तो बचानी है. वह घर की तरफ दौड़ीं. घर से लाल कपड़ा लिया और टूटी पटरी वाली जगह पर फिर वापस पहुंच गई. इसी दौरान गांव की ही एक और महिला ने साथ दिया.
जानकारी के अनुसार, हिम्मती ओमवती ने सबसे पहले लाल कपड़े को पटरी के पास लाकर बांध दिया. उससे भी ज्यादा खास बात यह रही कि यह करने के बाद वह वहां से हटी नहीं. ट्रेन का वेट करने लगी. कुछ देर में वहां पर एटा-टूंडला पैसेंजर ट्रेन की सीटी बजनी शुरू हुई. कपड़े के साथ-साथ ओमवती ने अपनी लाल साड़ी का पल्लू भी लहरा दिया.
ओमवती ने पहले से ही पटरी के पास लाल कपड़ा बांध दिया था. साथ ही वह पल्लू को भी लहरा रही थी. इस पर लोको पायलट की नजर पड़ गई. उसने तुरंत इमरजेंसी ब्रेक लगा दिए. ट्रेन रुक गई. ड्राइवर के उतरते ही ओमवती उसे टूटी पटरी दिखाने लगी.
टूटी पटरी की सूचना अधिकारियों को सूचना दी गई. करीब आधे घंटे में उसे ठीक किया गया. फिर ट्रेन आगे की ओर बढ़ी. ओमवती की सूझबूझ की सोशल मीडिया पर जमकर चर्चा हुई और लोगों ने खूब तारीफें की.
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