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जयपुर: राजस्थान कांग्रेस के लिए अगस्त महीना बेहद महत्वपूर्ण है. एक तरीक़े से कहें तो इस महीने मंत्रिमंडल फेरबदल, संगठन में बदलाव और राजनीतिक नियुक्तियों की घोषणा के जरिए आलाकमान अगस्त क्रांति कर सकता है. दरअसल, राजस्थान में मंत्रियों के प्रति विधायकों की बढ़ती नाराजगी के चलते अगस्त महीने में मंत्रिमंडल में फेरबदल की संभावना बन रही है.
इसके साथ प्रदेश कांग्रेस कमेटी में नियुक्तियों का इंतज़ार भी ख़त्म होने वाला है. अगर सब कुछ ठीक ठाक रहा तो अगस्त महीने में सत्ता और संगठन में बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे ही साथ ही राजनीतिक नियुक्तियों का तोहफ़ा भी पार्टी नेताओं कार्यकर्ताओं को मिल सकता है.
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तीसरा मंत्रिमंडल फेरबदल की संभावना
प्रदेश में डेढ़ साल के बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी आलाकमान सत्ता और संगठन में कई बड़े बदलाव करने की तैयारी में है, जिससे पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ-साथ असंतुष्ट विधायकों की नाराजगी भी दूर की जाए ताकि एकजुटता के साथ विधानसभा चुनाव में उतारा जाए. कहा जा रहा है कि मंत्रियों के प्रति विधायकों के विश्वास और बयानबाजी के चलते सरकार अगस्त महीने में अपना तीसरा मंत्रिमंडल फेरबदल कर सकती है.
मंत्रिमंडल पुनर्गठन में कमजोर परफॉर्मेंस वाले मंत्रियों की मंत्रिमंडल से छुट्टी हो सकती है और उनके स्थान पर वरिष्ठ और असंतुष्ट विधायकों को मंत्री बनाकर डैम कंट्रोल करने की कवायद की जा सकती है. इसके अलावा कई विधायकों को संसदीय सचिव बनाकर भी उनकी नाराजगी दूर की जा सकती है. मंत्रिमंडल फेरबदल के साथ-साथ राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर तीसरी सूची का इंतजार कर रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं का इंतज़ार ख़त्म हो सकता है.
आधा दर्जन बोर्ड-निगम और 15 यूआईटी और पूर्व में घोषित किए गए बोर्ड-निगमों में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को मेंबर के तौर पर एडजस्ट किया जा सकता है.अगस्त माह में कांग्रेस के संगठन को मज़बूत करने की दिशा में भी कई बड़े कदम उठाए जा सकते हैं. चिंतन शिविर में लिए गए फैसलों को लागू करने के मकसद से संगठन चुनाव के जरिए ब्लॉक और जिलाध्यक्षों की नियुक्ति की घोषणा होगी. इसके अलावा प्रदेश कार्यकारिणी, पीसीसी मेंबर और एआईसीसी मेंबर की सूची को भी अंतिम रूप दे दिया गया है.
मिशन 2023 की तैयारी में संगठन
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर गोविंद सिंह डोटासरा अभी तक आधे अधूरे संगठन के साथ ही मोर्चा संभाले हुए हैं. PCC की एक छोटी टीम और चुनिंदा ज़िलों में जिला अध्यक्षों के साथ ही PCC चीफ ने ना केवल प्रदेश में निकाय पंचायत और उप चुनाव की अग्नि परीक्षा को पार किया बेहतर परिणाम दिए. बल्कि केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ देश भर में सबसे ज्यादा कांग्रेस राजस्थान में सड़कों पर उतरी है. ऐसे में मिशन 223 की तैयारी के लिहाज से ये राजनीतिक नियुक्तियां पार्टी अध्यक्ष के हाथों को बेहद मजबूत करने का काम करेंगी.
अगस्त महीने में होगा संगठन में नियुक्तियों का इंतजार खत्म
- सबसे पहले जल्द होगी 400 पीसीसी मेंबर की घोषणा
- ब्लॉक अध्यक्ष और जिला अध्यक्षों की होगी नियुक्तियां
-अगस्त महीने में हो सकता है कि सरकार का तीसरा मंत्रिमंडल फेरबदल
- नॉन परफॉर्मर मंत्रियों को हटाकर दी जा सकती है नाराज़ विधायकों को जगह
- जल्द आएगी राजनीतिक नियुक्तियों की तीसरी सूची
-14 यूआईटी चेयरमैन बनाए जाएंगे तीसरी सूची में
-अजमेर और जोधपुर विकास प्राधिकरण के चेयरमैन की भी होगी नियुक्ति
-हिंदी और उर्दू जैसी विभिन्न साहित्य-भाषा अकादमियों में भी होगी नियुक्तियां
-कुछ विभिन्न आयोग,बोर्ड और निगम में भी नियुक्त होंगे चेयरमैन
सत्ता और संगठन में बड़े बदालव के साथ राजनीतिक नियुक्तियों को भी मिल सकता है मौका
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का पूरा फोकस राजस्थान में कांग्रेस को फिर से सत्ता में लाने का है. राजस्थान सरकार ने इस दिशा में जल्द ही में पिछले साढ़े तीन सालों में सैकड़ों फ़ैसले किए हैं, लेकिन मुख्यमंत्री की सबसे बड़ी पीड़ा है कि जनप्रतिनिधि पार्टी के नेता कार्यकर्ता जनता तक उन कामों को नहीं पहुंचा पाते. लिहाजा जनता की सुनवाई नहीं करने वाले और सरकार के कामकाज के प्रचार प्रसार भी अनदेखी करने वाले नेताओं को अब हाशिये पर डाला जा सकता है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सत्ता और संगठन में युवाओं की भागीदारी की वकालत कर चुके हैं. लिहाज़ा ऐसे युवाओं को और सक्रिय चेहरों को मौका मिल सकता है. जिनकी जनता के बीच पहुंच है ऐसे में राजस्थान कांग्रेस की सियासत के लिहाज़ से अगस्त का महीना बहुत महत्वपूर्ण है, जिसमें सत्ता से लेकर संगठन तक बड़े बदलाव के साथ-साथ लंबित पड़े राजनीतिक पदों की ज़िम्मेदारी का मौक़ा भी कार्यकर्ताओं को मिल सकता है.
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