Rajasthan News: साइबर ठगी के मामले हर रोज बढ़ते जा रहे हैं. अब शादियों के सीजन में ई-कार्ड के जरिए ठगी के मामले सामने आ रहे हैं. ठगी करने के लिए ठग 'रिमोट एक्सेस ऐप्स' का उपयोग करते हैं. ऐसे ऐप की फाइल एपीके फॉर्मेट में आती है.
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Rajasthan News: इनदिनों साइबर ठगी के मामले हर रोज बढ़ते जा रहे हैं. साइबर ठग नए-नए तरीकों से लोगों को ठग रहे हैं. वहीं, अब शादियों के सीजन में ई-कार्ड के जरिए ठगी के मामले सामने आ रहे हैं.
ठग लोगों को वाट्सऐप पर शादी का आकर्षक ई-कार्ड भेजते हैं. वहीं, जैसे ही इंसान उस ई-कार्ड के लिंक पर क्लिक करता है वैसे ही फोन का पूरा एक्सेस ठगों के पास चला जाता है. इसके बाद ठग बैंक खातों से पैसे उड़ा लेते हैं और पीड़ित को कोई ओटीपी या सूचना भी नहीं मिलती है.
इसके साथ ही ठग आपके कॉन्टैक्ट्स से भी ठगी की कोशिश करता है. साइबर एक्सपर्ट्स के अनुसार, हर रोज इस तरह के 6-7 मामले देखने को मिल रहे हैं और रोजाना साइबर क्राइम पोर्टल पर 300 से 400 शिकायतें मिल रही हैं.
ठगी करने के लिए ठग 'रिमोट एक्सेस ऐप्स' का उपयोग करते हैं. ऐसे ऐप की फाइल एपीके फॉर्मेट में आती है. आकर्षक डिजाइन में ई-कार्ड भेजा जाता है, जिसके लिंक में मेलवेयर छिपाते हैं. वहीं, लिंक पर क्लिक करते ही फोन में मेलवेयर इंस्टॉल हो जाता है, जो आपके मोबाइल में छिपे बैंकिंग ऐप्स और पासवर्ड तक पहुंच जाता है.
इसके साथ ही पीड़ित की कॉन्टैक्ट लिस्ट तक पहुंचकर अन्य लोगों से भी ठगी का प्रयास किए जाते हैं. सांगानेर के रहने वाले सोमिल के मुताबिक, किसी अनजान नंबर से उनके वाट्सऐप पर शादी का ई-कार्ड आया, जिसे ही उन्होंने उस लिंक पर क्लिक किया. इसके बाद नंबर ब्लॉक कर दिया लेकिन उसके अकाउंट से 10 हजार रुपये गायब हो गए. इसके लिए उनको कोई ओटीपी या मैसेज नहीं मिला.
ध्यान रखें कि किसी भी अनजान लिंक या एपीके फाइल पर क्लिक न करें. साथ ही फोन की सेटिंग्स में चैक करें कि कोई अनजान ऐप तो इंस्टॉल नहीं है. साइबर ठगी होने पर हेल्पलाइन नंबर 1930 या पोर्टल cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करवाएं. साथ ही फोन को अपडेटेड रखें.