किरोड़ीलाल मीणा से बदसुलूकी मामले में राजस्थान के DGP और मुख्य सचिव हुए दिल्ली तलब
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किरोड़ीलाल मीणा से बदसुलूकी मामले में राजस्थान के DGP और मुख्य सचिव हुए दिल्ली तलब

राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने राज्य की मुख्य सचिव उषा शर्मा और डीजीपी उमेश मिश्रा को तलब किया है.

किरोड़ीलाल मीणा से बदसुलूकी मामले में राजस्थान के DGP और मुख्य सचिव हुए दिल्ली तलब

Jaipur News : राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने राज्य की मुख्य सचिव उषा शर्मा और डीजीपी उमेश मिश्रा को तलब किया है. जयपुर में वीरांगनाओं के आंदोलन के दौरान सांसद किरोड़ी लाल मीणा से पुलिस दुर्व्यवहार के मामले में आयोग ने मुख्य सचिव उषा शर्मा और डीजीपी उमेश मिश्रा को आयोग के सामने उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं.  24 मई को दोपहर 12:30 बजे उषा शर्मा को अनुसूचित जनजाति आयोग में उपस्थित होना है.  

शहीद वीरांगना के आंदोलन के दौरान जयपुर पुलिस के दुर्व्यवहार और अवैध हिरासत में रखने के आरोप लगाते हुए सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति जनजाति आयोग में शिकायत की थी. शिकायत के आधार पर आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव उषा शर्मा और डीजीपी उमेश मिश्रा को नोटिस जारी कर तलब किया है. आयोग ने कहा कि इस मामले में आयोग द्वारा जांच कराने का निश्चय किया है. मुख्य सचिव उषा शर्मा और डीजीपी उमेश मिश्रा को जांच के लिए संबंधित दस्तावेज साथ लाने के भी निर्देश दिए गए हैं.

24 को व्यक्तिगत हाजिर होने के आदेश...

राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने नोटिस में मुख्य सचिव और डीजीपी से कहा कि वह 24 मई को दोपहर 12:30 बजे आयोग सदस्य अनंत नायक के समक्ष व्यक्तिगत उपस्थित हों. आयोग की ओर से मुख्य सचिव और डीजीपी को चेतावनी दी गई है कि यदि आप बिना किसी विधिसम्मत कारण के आदेश का अनुपालन नहीं करते हैं तो आपको सविल प्रक्रिया संहिता, 1908 के आदेश XVI के नियम 12 में दिये गए अनुपस्थिति के परिणाम भुगतने होंगे.

यह था मामला

राज्यसभा सांसद डॉ किरोड़ लाल मीणा 4 मार्च को जयपुर में शहीद वीरांगनाओं को मुख्यमंत्री से मिलवाने के लिए विधानसभा लेकर पहुंचे थे.   विधानसभा से पुलिस उनको लेकर रवाना हुई तो रास्ते में शहीद वीरांगनाओं और सांसद किरोड़ी लाल मीणा से  पुलिस ने दुर्व्यवहार किया. इसके बाद मीणा वीरांगनाओं के साथ शहीद स्मारक पर धरने पर बैठ गए. 4 दिन बाद सांसद और वीरांगना वहां से उठकर सिविल लाइन पूर्व मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बंगले के बाहर फुटपाथ पर धरने पर बैठ गए.

इधर 10 मार्च को पुलिस ने कार्रवाई करते हुए वीरांगनाओं को धरने से उठाकर घर भेज दिया. वही इसका पता सांसद चुनी लाल मीणा को लगा तो वह वीरांगना मंजू जाट से मिलने शाहपुरा के लिए रवाना हुए रास्ते में पुलिस ने सामोद थाने के बाहर उनको रोक लिया. इस दौरान पुलिस ने सांसद मीणा को गिरेबान पकड़कर जिप्सी में डाल लिया और उन्हें लेकर सड़कों पर घूमती रही है. बाद में तबियत बिगड़ने पर सांसद मीणा को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. सांसद मीणा ने इस अवैध हिरासत और पुलिस दुर्व्यवहार को लेकर राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग में शिकायत दी थी.

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