Rajasthan Election 2023: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने राजस्थान में आचार संहिता से पहले कई बड़े घोषणा कर मास्टर स्ट्रोक खेल दिया है. मानसरोवर में आयोजित गौसेवा सम्मेलन में साधु- संतों का आशिर्वाद लिया. इसके साथ ही मालपुरा, कुचामन और सुजानगढ़ को जिला बनाने की घोषणा.
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Rajasthan Election 2023: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने राजस्थान में आचार संहिता से पहले कई बड़े घोषणा कर मास्टर स्ट्रोक खेल दिया है. राजस्थान में इस बार गहलोत ने सीधे- सीधे बीजेपी को साधने की कोशिश की है.
चुनावी आचार संहिता लगने से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक और मास्टर स्टॉक खेलते हुए मानसरोवर में आयोजित गौसेवा सम्मेलन में संतों का आशिर्वाद लिया. गहलोत ने पहले 19 जिले बनाकर 50 जिलों का राजस्थान करने के बाद आचार संहिता से पहले तीन और जिलों का ऐलान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किया है.
गावो विश्वस्य मातरः !
जन-जन की आस्था की प्रतीक गौ माता हमारी कृषि व आर्थिक गतिविधियों का आधार भी है।
आज जयपुर में आयोजित गोसेवा सम्मेलन में गौ माता का पूजन कर स्वस्ति हेतु प्रार्थना की। pic.twitter.com/ElHDJbJUBk
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) October 6, 2023
जनभावना और कमेटी की रिकमंडेशन का हवाला देते हुए सीएम गहलोत ने मानसरोवर में आयोजित गोसेवा सम्मेलन में बड़ी घोषणा की. इसके साथ ही कहा कि आगे भी लोगों के सुझाव मिलेंगे तो हम उसका परिक्षण करवाकर जनभावना का ध्यान रखेंगे. तीन नए जिले और बनने के बाद 53 जिलों का राजस्थान होगा. इसके साथ ही सीएम गहलोत ने मानसरोवर में आयोजित गोसेवा सम्मेलन में संतों का आशिर्वाद लिया.
सीएम गहलोत ने नए जिलों की घोषणा करने के बाद कहा कि अमेरिका में 50 राज्य हो सकते हैं तो छोटे राज्य और छोटे जिले बनते है तो गुड गवर्नेंस होगी. जनता की भावना और कमेटी की रिपोर्ट के बाद जिलों की घोषणा की है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आगे भी लोगों की मांगों पर सकारात्मक काम करेंगे. इस बात के संकेत सीएम ने सभा में ही दे दिए थे, उन्होंने कहा था कि आपकी भावना समझ रहा हूं. आप जिलों से आए हैं, आपकी मांगों पर भी बात करूंगा.
इसके साथ ही मालपुरा को जिला बनाए जाने पर बीसूका उपाध्यक्ष डॉ चंद्रभान ने भी सीएम गहलोत का आभार जताया और कहा कि सरकार ने लोगों की भावना का ध्यान रखा है.
नए जिलों की घोषणा से पहले सीएम ने गौ सेवा सम्मेलन में साधु संतों का आशीर्वाद प्राप्त करते हुए गोशालाओं और नंदी शालाओं के लिए कई घोषणाएं की. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि सरकार बनने के बाद पांच साल में तीसरा गोसेवा सम्मेलन है. सरकार ने तीन हजार करोड़ से अधिक का अनुदान गोशालाओं के लिए दिया है.जबकि भाजपा राज में ये अनुदान 500 करोड़ ही था.
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सीएम ने कहा कि हम सेवा ही धर्म सेवा ही कर्म की भावना से काम कर रहे है. गायों के लिए कोई कमी नहीं रखी लेकिन नंदी शालाएं जितनी बननी चाहिए थी नहीं बनी. सीएम ने सरकार दोबारा बनने पर इस दौरान गौशालाओं का अनुदान समय पर देने, नंदियों को गौशाला में रखने और नंदी शालाओं को 12 माह अनुदान देने की घोषणा की. इस दौरान कार्यक्रम में पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया और गोसेवा आयोग के अध्यक्ष मेवाराम जैन भी मौजूद रहे.