Rajasthan Healthcare Conclave: सरकार ने एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए राजस्थान के स्थानीय उद्योगों से चिकित्सा उपकरणों की खरीद के लिए ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टेंडर्ड्स (बीआईएस) के सर्टिफिकेशन की भी घोषणा की है. प्रदेश में मेडिकल टूरिज्म और मेडिकल वैल्यू टूरिज्म पर काम किया जा रहा है. एसीएस शुभ्रा सिंह ने कहा कि राजस्थान हेल्थ के क्षेत्र में मजबूत हुआ है.
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Rajasthan Healthcare Conclave: राजस्थान सरकार ने हेल्थकेयर के क्षेत्र में मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा योजना, मुख्यमंत्री नि:शुल्क जांच योजना, मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना, मुख्यमंत्री नि:शुल्क निरोगी राजस्थान योजना, आदि जैसी कुछ महत्वपूर्ण पहल की है. राजस्थान राइट टू हेल्थ की घोषणा और अधिनियमन करने वाला पहला राज्य भी है. सरकार ने एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए राजस्थान के स्थानीय उद्योगों से चिकित्सा उपकरणों की खरीद के लिए ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टेंडर्ड्स (बीआईएस) के सर्टिफिकेशन की भी घोषणा की है.
इन पहलों ने राजस्थान को दूसरों के अनुकरण के लिए एक आदर्श राज्य बना दिया है. यह बात राजस्थान सरकार की चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस), शुभ्रा सिंह ने कही. वह आज जयपुर में राजस्थान हेल्थकेयर कॉन्क्लेव के तीसरे संस्करण के उद्घाटन सत्र में विशेष संबोधित कर रहीं थी. कॉन्क्लेव का आयोजन कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई), राजस्थान द्वारा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, राजस्थान सरकार के साथ संयुक्त रूप से किया गया.
कार्यक्रम का फोकस ''फ्यूचर रेडी हेल्थकेयर इकोसिस्टम बनाने और मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा देने'' पर रहा. चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना पर प्रकाश डालते हुए, शुभ्रा सिंह ने कहा कि जहां 1.4 करोड़ परिवारों को चिरंजीवी योजना से जोड़ा गया है, वहीं आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को शामिल करने के लिए इसका दायरा और बढ़ाया जा रहा है और जल्द ही 10 लाख और परिवारों को इसके दायरे में शामिल किया जाएगा.
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चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में लगभग 1800 लाभ पैकेज हैं और अंग प्रत्यारोपण आदि के विशेष पैकेज भी शामिल किए गए हैं. इसके अतिरिक्त, एसीएस ने बताया कि जरूरत पड़ने पर लाभार्थी इलाज के लिए राज्य से बाहर भी जा सकते हैं.