Jaipur News: राजस्थान हाईकोर्ट के सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस विनोद कुमार भारवानी की एकलपीठ ने देवस्वरूप की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करते हुए पुनर्विचार करने से इनकार कर दिया है.
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Rajasthan News: राजस्थान हाईकोर्ट ने डॉ. भीमराव अंबेडकर विधि विश्वविद्यालय में वीसी के तौर पर डॉ. देवस्वरूप की नियुक्ति रद्द करने के संबंध में दिए आदेश पर पुनर्विचार करने से इनकार कर दिया है. इसके साथ ही अदालत ने इस संबंध में दायर पुनर्विचार याचिका को निस्तारित कर दिया है. सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस विनोद कुमार भारवानी की एकलपीठ ने यह आदेश देवस्वरूप की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.
अदालत ने पुनर्विचार करने से किया इनकार
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि उन्होंने याचिका दायर होने के बाद अपना इस्तीफा दिया था. इसके अलावा अदालत ने याचिका में यह बिंदु तय किया था कि कानून की पृष्ठभूमि नहीं रखने वाले को विधि विवि का कुलपति नियुक्त नहीं किया जा सकता. ऐसे में आदेश पर पुनर्विचार करने की जरूरत नहीं है. हालांकि अदालत ने स्पष्ट किया है कि न्यायालय ने उस आदेश में उनकी शैक्षणिक उत्कृष्टता पर कोई टिप्पणी नहीं की गई है और अदालत की टिप्पणी उन्हें किसी अन्य विवि में कुलपति नियुक्त करने के आड़े नहीं आएगी.
आदेश देने से पूर्व पद से दे दिया था इस्तीफा
रिव्यू याचिका में कहा गया कि अदालत के आदेश देने से पूर्व ही उसने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. ऐसे में अदालत को उसकी नियुक्ति रद्द करने का आदेश देने की जरूरत ही नहीं थी. गौरतलब है कि खंडपीठ ने प्रोफेसर केबी अग्रवाल की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए देवस्वरूप की विधि विवि के कुलपति के तौर पर की गई नियुक्ति को रद्द कर दिया था. अदालत ने कहा था कि विधि विश्वविद्यालय के कुलपति को विधि शिक्षा के क्षेत्र में अनुभव रहने वाला होना चाहिए. यह एकल विषय का विश्वविद्यालय है. ऐसे में अन्य एकल विषय के विवि की तरह विधि विवि के कुलपति को कानून शिक्षा के क्षेत्र में अनुभव रखने वाला होना चाहिए.
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