एसओजी-एटीएस निदेशालय ने अपनी तीन यूनिटों का मुख्यालय शिफ्ट करने की मांग की है. इसके लिए पाकिस्तान से सटी बॉर्डर के साथ ही इन इलाकों में बदमाशों की आमद रफत बढ़ना बताया है. एडीजी एटीएस-एसओजी अशोक राठौड़ ने पुलिस मुख्यालय को यूनिट शिफ्टिंग का प्रस्ताव भेजा है.
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Jaipur News: प्रदेश में क्या अपराध और अपराधियों की गतिविधियों का ठिकाना बदलते देख राज्य की एटीएस-एसओजी भी अपनी जगह बदल रही है. राज्य के एसओजी-एटीएस निदेशालय ने अपनी तीन यूनिटों का मुख्यालय शिफ्ट करने की मांग की है. इसके लिए पाकिस्तान से सटी बॉर्डर के साथ ही इन इलाकों में बदमाशों की आमद रफत बढ़ना बताया है. फिलहाल मामला सरकार के पास विचाराधीन है. दूसरी ओर सवाल उठ रहा है कि क्या पुलिस ने पहले जांच परख कर चौकियां नहीं मांगी थी या अपराधियों ने ठिकाना बदल लिया है.
राजस्थान में बढ़ते संगठित अपराध और आतंक की घटनाओं को देखते हुए प्रदेश में एटीएस-एसओजी की यूनिट शुरू की गई. इनमें कुछ यूनिट पूरी तरह सक्रीय होकर काम कर भी नहीं पाई कि एडीजी एसओजी-एटीएस ने इनकी जगह बदलने की मांग कर दी. कारण यह दिया गया है कि नई जगह विशिष्ट तरीके के अपराध और बॉर्डर पार से आतंक और तस्करी की आशंका है. हाल ही सात नवम्बर को डीजीपी उमेश मिश्रा की अध्यक्षता में हुई समन्वय बैठक में एटीएस-एसओजी यूनिट के शिफ्टिंग पर चर्चा हुई. इसके बाद एडीजी एटीएस-एसओजी अशोक राठौड़ ने पुलिस मुख्यालय को यूनिट शिफ्टिंग का प्रस्ताव भेजा है.
प्रस्ताव की एक कॉपी प्रमुख सचिव गृह को भी भिजवाई गई है. शिफ्टिंग के औचित्य के लिए कुछ कारण और तर्क भी दिए हैं. मुख्यमंत्री की वर्ष 2021-22 की बजट घोषणा के बाद 25 मार्च 2021 में भरतपुर और बीकानेर में एटीएस यूनिट गठित करने के आदेश जारी हुए. इसी तरह 27 अप्रैल 2021 को जारी आदेश में रतनगढ़ चूरू में एसओजी यूनिट स्वीकृत की गई. दूसरी ओर राज्य सरकार ने भरतपुर में 23 मई 2022 को एसओजी यूनिट स्वीकृत की थी.
यूनिट के श्रीगंगानगर शिफ्टिंग के पीछे जो तर्क दिया गया है कि राजस्थान की 1070 किलोमीटर अन्तर्राष्ट्रीय सीमा बीकानेर एवं जोधपुर संभाग के विभिन्न जिलों से जुड़ी हुई हैं. बीकानेर सम्भाग के जिले एटीएस मुख्यालय से करीब 400 किलोमीटर की दूरी पर स्थित होने से वहां पर संचालित आतंकवादी-उग्रवादी एवं तस्करी गतिविधियों पर नजदीकी निगरानी समय पर नहीं हो पा रही है. पाक सीमा पर से नशीले पदार्थों की तस्करी के मामलों को देखते हुए श्रीगंगानगर में चौकसी जरूरी है, ऐसे में एटीएस यूनिट बीकानेर को श्रीगंगानगर में स्थानांतरित करना आवश्यक है.
चूरू जिले में एसओजी की दो यूनिट्स रतनगढ़ एवं राजगढ़ संचालित है. बीकानेर जिला अन्तर्राष्ट्रीय सीमा से लगने तथा संगठित अपराधों पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए एसओजी यूनिट रतनगढ़ (चूरू) को बीकानेर में स्थानान्तरित करने की मांग की है. भरतपुर एवं अलवर जिले में मेवात का काफी बड़ा क्षेत्र आता है. विभिन्न राज्यों से सक्रिय मोबाईल नम्बरों की विभिन्न कम्पनियों की सिमों का उपयोग कर साइबर फ्रॉड किया जाता है. हनी ट्रैप सम्बन्धी अवैध गतिविधियां संचालित होने की स्थितियों के मध्यनजर एसओजी यूनिट भरतपुर को कामां (भरतपुर) शिफ्ट करना जरूरी है.
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गृह विभाग के 23 मई के आदेश से भिवाड़ी बाडमेर तथा भरतपुर में एसओजी की तीन यूनिट स्वीकृत की थी, उन्हें पुलिस निरीक्षक पद से एडीजी के पद पर क्रमोन्नत किया जाए. तर्क दिया है कि एसओजी संगठित अपराधियों एवं गिरोहों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई कर रहा है तथा विभिन्न राज्य एवं राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के खिलाफ एक्शन ले रहा है. अतः एसओजी की चौकियों पर एएसपी स्तर के प्रभारी अधिकारी होना आवश्यक है.