Rajasthan News: जयपुर में हो रही थी खून की कालाबाजारी, डिब्बों में बंद मिला 255 यूनिट ब्लड
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Rajasthan News: जयपुर में हो रही थी खून की कालाबाजारी, डिब्बों में बंद मिला 255 यूनिट ब्लड

Jaipur News: राजस्थान की जयपुर ग्रामीण में खून के अवैध कारोबार का मामला सामने आया. एक कार से 255 यूनिट ब्लड बरामद किया. ये खून अवैध रूप से सप्लाई किया जा रहा था.

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Jaipur News: राजस्थान की जयपुर ग्रामीण में खून के अवैध कारोबार का सनसनीखेज मामला सामने आया है. पुलिस ने एक कार से 255 यूनिट ब्लड बरामद किया. यह खून अवैध रूप से मकराना से जयपुर में अवैध रूप से सप्लाई करने की बात सामने आई है. 

लाल खून के काले कारोबार में शामिल तीन युवकों को जोबेनर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने मिली जानकारी के मुताबिक मोहम्मद जाबिर, आमीन व श्रवण सिंह को गिरफ्तार किया है. जानकारी के अनुसार, बीती रात पुलिस नाकाबंदी कर रही थी. इस दौरान पुलिस ने एक कार को रुकवाकर चेक किया.

वहीं, कार में अलग-अलग डिब्बों में कई यूनिट ब्लड के पैकेट्स मिले. पुलिस ने कार सवार लोगों से ब्लड के बारे में पूछताछ की और दस्तावेज मांगे लेकिन कार सवार युवक सकपका गए और उनके पास कोई दस्तावेज नहीं मिला.

इस पर पुलिस ने तीनो युवकों को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने औषधि नियंत्रण विभाग के अधिकारियों को भी मौके पर बुलाया. बताया जा रहा है कि आरोपी बिना किसी अधिकृत दस्तावेज के खून की तस्करी कर रहे थे. प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि यह खून निजी ब्लड बैंक से लाया गया था और अवैध रूप से सवाई माधोपुर ले जाया जा रहा था. 

संभावना जताई जा रही है कि निजी ब्लड बैंक के लोग ग्रामीण क्षेत्रों में ब्लड डोनेशन कैंप आयोजित कर रक्त एकत्रित करते है. एकत्रित रक्त को अन्य जिलों और राज्यों में मोटी रकम में बेचते हैं. फिलहाल, पुलिस आरोपियों से पूछताछ शुरू कर दी है. पुलिस यह भी जांच कर रही है कि इस अवैध कारोबार में और कौन-कौन लोग शामिल हैं और इसका नेटवर्क कितना बड़ा है. 

जोबनेर थाना इलाके में पुलिस ने जयपुर फलोदी मेगा हाइवे पर नाकाबंदी के दौरान एक कार से भारी मात्रा में अवैध ब्लड बरामद किया है.  पुलिस ने इस पूरे मामले की जानकारी औषधि नियंत्रण विभाग को दी, जिसके बाद मौके पर औषधि नियंत्रण विभाग की टीम भी पहुंची. मामले को लेकर ड्रग कंट्रोलर अजय फाटक का कहना है कि जब भी ब्लड का ट्रांसपोर्ट किया जाता है तो इससे जुड़े दस्तावेज़ तैयार करने पड़ते हैं लेकिन जांच में सामने आया कि किसी भी तरह की कोई दस्तावेज ब्लड ट्रांसपोर्ट के दौरान नहीं पाए गए. 

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