उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने सीएम अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस विधायक और मंत्री ने धमकी दी उस क्षेत्र को ही जिला बना दिया. बजट घोषणाओं, कांग्रेस की विधायक दल की बैठक नहीं बुलाने , डॉक्टर लाठीचार्ज , ERCP , ओल्ड पेंशन स्कीम सहित कई मुद्दों पर सीएम गहलोत को निशाने पर लिया.
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Rajendra Rathore target CM Gehlot: उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने जिलों सहित अन्य घोषणाओं को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधा है. राठौड़ ने बजट घोषणाओं, कांग्रेस की विधायक दल की बैठक नहीं बुलाने , डॉक्टर लाठीचार्ज , ERCP , ओल्ड पेंशन स्कीम सहित कई मुद्दों पर सीएम गहलोत को निशाने पर लिया. राठौड़ ने कहा कि अशोक गहलोत अपनी बिना हड्डी की जुबान से बस घोषणाओं पर घोषणा करते चले जा रहे हैं. सरकार अपने खोए हुए जनाधार को ढूंढने की कोशिश कर रही है. इनका धरातल पर कोई आधार नहीं है और जनता इस बात को बखूबी समझती है.
कांग्रेस सरकार के जंगलराज में लूटता,पीटता किसान व उसकी नीलाम होती जमीनें। आज हर तरफ हो रहे भ्रष्टाचार से आम आदमी त्रस्त व परेशान है। शहर अंधेरों में डूबे हुए हैं और अपराधी बेखौफ होकर वारदात को अंजाम दे रहे हैं। pic.twitter.com/iXP2KOYwVe
— Rajendra Rathore (@Rajendra4BJP) March 22, 2023
उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने भाजपा मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सरकार ने बिना प्रशासनिक वैधता को पूरा किये जिला बनाने की घोषणा कर दी. लैंड रेवेन्यू एक्ट में प्रावधान है कि जिले की सीमाओं के निर्धारण के बिना जिले घोषित नहीं किए जा सकते, मगर सरकार ने बिना सीमा निर्धारण के ही जिलों की घोषणा कर दी. सरकार ने कानून का उल्लंघन किया है वहीं जनता में भी विरोध है स्वर उठ रहे हैं.
राठौड़ ने कहा की चर्चा इस बात की है कि कुचामन बहरोड़ और कोटपूतली बहरोड़ में से कौन जिला बनेगा ? दूदू और खेड़ली ग्राम पंचायत को ही जिला बना दिया है। आज प्रदेश में 7 अलग अलग शहर बंद हुए है. सुजानगढ़ कस्बा आज तीन दिन से बंद है. राठौड़ ने कहा कि जिस विधायक और मंत्री ने धमकी दी, उसके क्षेत्र को ही जिला बना दिया गया. यह सरकार अपने अंतर्विरोध के कारण विधायक दल की बैठक भी नहीं बुला सकी. पूर्व मुख्यमंत्री भी भी विधायक दल की बैठक बुलाने की मांग कर रहे हैं.
सरकार के गले की फांस बनेगा बिना नियम जिला बनाना. राठौड़ ने कहा कि जिस विधायक और मंत्री ने धमकी दी, उसके क्षेत्र को ही जिला बना दिया गया. यह सरकार अपने अंतर्विरोध के कारण विधायक दल की बैठक भी नहीं बुला सकी. पूर्व मुख्यमंत्री भी भी विधायक दल की बैठक बुलाने की मांग कर रहे हैं.
राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने विधायकों से ब्लैकमेल हो रहे हैं. किसी भी विधायक ने इस्तीफे की धमकी दी तो उसके क्षेत्र को जिला बना दिया. इसका ताजा उदाहरण यह भी है कि दूदू को जिला बनाने का कहीं भी कोई प्रस्ताव नहीं था , लेकिन सदन में जैसे ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पहुंचे तो दूदू के विधायक ने कान में कुछ कहा और सीएम गहलोत ने दूदू को जिला बनाने की घोषणा कर दी. जिलों के बनाने की एक प्रकिया होती है, नियमों के अनुसार पहले ग्राम पंचायत , फिर तहसील बनती है , तहसील के बाद उपखण्ड मुख्याल। और उसके बाद जिले की प्रक्रिया होती है.
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उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि इस सरकार का अंतिम बजट सत्र समाप्त हो गया. राजस्थान के इतिहास में ये पहला मौका है जब को सत्तारूढ़ दल अपने बजट सत्र में विधायक दल की बैठक नहीं बुला पाया. पिछले 25 सितंबर को कांग्रेस विधायक दल की बैठक में जो त्यागपत्र देने का नाटक हुआ और इस दौरान कांग्रेस आलाकमान के आदेश का अपमान हुआ. यह सब ने देखा है, यहां तक कि ये पूरा मामला उच्च न्यायालय में चला गया. उन्होंने कहा कि सरकार अंतर्विरोध के कारण बिना विधायक दल की बैठक के बजट सत्र समाप्त हो गया.
विधायक दल की बैठक बजट सत्र से पहले होती है. राठौड़ ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने सप्ताह मंगलवार के दिन विधानसभा में विधायक दल की बैठक हुई। राठौड़ ने कहा कि सरकार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भी विधायक दल की बैठक की मांग की है. विधायक दल की बैठक नहीं बुलाना लोकतंत्र का अपमान है.
राठौड़ ने स्वास्थ्य के अधिकार कानून के विरोध में आंदोलन कर रहे . देश के इतिहास में पहली बार है जब सबसे प्रबुद्ध वर्ग पर इस तरह से लाठियां बरसाई गई हो.राठौड़ ने कहा कि स्वास्थ्य के अधिकार कानून के विरोध में नहीं है , लेकिन सरकार को इस कानून को लाने से पहले अपने सरकारी आधारभूत ढांचे को मजबूत करने की जरूरत थी। जिस तरह से आए दिन अस्पतालों से खबरें सामने आ रही है वह चिंताजनक है .मेडिकल कॉलेज खोल दिया , लेकिन स्टाफ नहीं है. नवजात बच्चों को श्वान हॉस्पिटल से उठाकर ले जाते हैं. सरकार को पहले इन चीजों को ठीक करना चाहिए था , राठौड़ ने कहा कि डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से आज लोगों का जीवन खतरे में है , सरकार को बुलाकर उन्हें बातचीत करनी चाहिए .
राठौड़ ने कहा कि इआरसीपी में सरकार ने 9600 करोड की घोषणा की थी , मगर बारह सौ करोड़ रुपए खर्च किए गए . सरकार की कथनी और करनी में अंतर है . प्रोजेक्ट को पूरा करने की तारीख 2051 रखी गई , इससे नियत साफ हो गई . राठौड़ ने कहा कि जवाबदेही कानून की सदन में में घोषणा की गई , लेकिन नही लाया गया . राठौड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री कहते हैं हमने पूरे देश में पहली बार ओपीएस स्कीम लागू कर रहे हैं , लेकिन एनपीएस का पैसा अभी तक नहीं आ पाया है . सरकार की इस नीति के कारण कर्मचारी को एक पैसा भी नहीं मिल पा रहा है .