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Jaipur News : अब तक आपने राम चरित्र मानस पन्नो में लिखी देखी होगी. बाबा तुलसीदास में राम चरित मानस की रचनाकर देश दुनिया को समर्पित की. आज हम आपको पत्थरों पर लिखी हुई राम चरित मानस से रूबरू कराएंगे. पत्थरो पर खुदाई करके राम चरित मानस लिखी गई. इस रामचरित मानस भवन को देखने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं.
जयपुर जिले का त्रिवेणी धाम यूं तो देश और दुनिया में प्रसिद्ध है. धर्म स्थली के रूप में त्रिवेणी धाम का विश्व के नक्शे पर नाम है. त्रिवेणी धाम के पीठाधीश्वर नारायण दास महाराज ने त्रिवेणी धाम में कई मंदिरों का निर्माण कराया. इतना ही नहीं जनहित में अस्पताल स्कूल कॉलेज का निर्माण भी नारायण दास महाराज ने करवाया था. वर्ष 2018 में नारायण दास महाराज देवलोक गमन कर गए. नारायण दास महाराज द्वारा निर्माण करवाए गए कई मंदिर, भवन आज भी अपनी खास पहचान के लिए जाने जाते हैं. जिनमे एक रामचरित मानस भवन भी शामिल है.
त्रिवेणी धाम के मुख्य मंदिर के पीछे रामचरित्र मानस भवन का निर्माण करीब 15 साल पहले नारायणदास महाराज ने करवाया था. इस भवन में पत्थरों पर खुदाई करके राम चरितमानस लिखवाई गई. और फिर एक बड़े हॉल का निर्माण कर दीवार पर इन पत्रों को बड़े खूबसूरत तरीके से लगाया गया बीच-बीच में कई चित्र भी लगाए गए हैं. साथ ही भवन में तुलसीदास जी की एक स्वचालित मूर्ति लगाई गई है. तुलसीदास जी की गर्दन और हाथ भी हिलते हुए दिखाई देते हैं. दूसरे हाथ से तुलसीदास जी मानो राम चरित्र मानस ग्रंथ के पन्ने उथल रहे हो. इस भवन को देखने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं इस भवन में एक महंत की नियुक्ति की गई है जो श्रद्धालुओं को राम चरित मानस के बारे में बताता है.
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