राजस्व दिवस पर राज्य स्तरीय समारोह में राजस्व मंत्री हुए शामिल, कामकाज पर की चर्चा
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राजस्व दिवस पर राज्य स्तरीय समारोह में राजस्व मंत्री हुए शामिल, कामकाज पर की चर्चा

जयपुर में राजस्व दिवस पर राज्य स्तरीय समारोह सचिवालय में आयोजित किया गया. जिसमें मुख्य अतिथि राजस्व मंत्री रामलाल जाट ने उत्कृष्ठ कार्य करने वाले कार्मिकों को सम्मानित किया.

 राजस्व दिवस पर राज्य स्तरीय समारोह में राजस्व मंत्री हुए शामिल, कामकाज पर की चर्चा

Jaipur: जयपुर में राजस्व दिवस पर राज्य स्तरीय समारोह सचिवालय में आयोजित किया गया. जिसमें मुख्य अतिथि राजस्व मंत्री रामलाल जाट ने उत्कृष्ठ कार्य करने वाले कार्मिकों को सम्मानित किया. समारोह में राजस्व मंत्री ने सभी संभागीय आयुक्तों और जिला कलक्टरों से राजस्व के कामकाज में आ रही दिक्कतों को लेकर चर्चा भी की. इस दौरान राजस्व मंत्री रामलाल जाट ने भविष्य में जमीनों की दिक्कतों को लेकर कलेक्टरों से जमीनों को अलग अलग करने के लिए कहा है. जिससे भविष्य में जरूरी काम के लिए जमीनों की परेशानी नहीं हो. इसके लिए कलेक्टर खुद पहल कर जमीनों को आरक्षित करने का काम करें.

 कानूनों में किया संशोधन और सरलीकरण 
इस दौरान राजस्व मंत्री रामलाल जाट ने कहा कि राजस्व विभाग के कानूनों में संशोधन और सरलीकरण किया गया है.इससे लंबित मामलों के निस्तारण में तेजी आएगी और आमजन को इसका सीधा लाभ मिलेगा. उन्होंने प्रशासन गांवों के संग अभियान की उपलब्धियों पर संतोष जाहिर किया और कहा कि जिला कलेक्टर और राजस्व विभाग के अधिकारी राजस्व से जुड़े प्रकरणों के त्वरित निस्तारण के लिए नवाचार करें और नए सुझाव दें, ताकि सम्पूर्ण प्रक्रिया को और भी अधिक सुगम और सरल बनाया जा सके.

जाट ने कहा कि आज का दिन राजस्व विभाग के लिए विशेष है. 15 अक्टूबर 1955 को राजस्थान काश्तकारी अधिनियम का लागू होना किसानों के लिए एक ऐतिहासिक कदम था जिससे किसानों को भूमि का मालिकाना हक मिला. राजस्व रिकॉर्डों के कम्प्यूटरीकरण, सर्वेरिसर्वे, मॉर्डल रिकॉर्ड रूम की स्थापना तथा पंजियन कार्यों का कम्प्यूटरीकरण जैसे कार्यों के सकारात्मक परिणाम दिखाई दे रहे हैं.

पीठासीन अधिकारी कोर्ट में बैठें

राजस्व मंडल के अध्यक्ष राजेश्वर सिंह ने कहा कि राजस्व के  लंबित मुकदमों की संख्या में लगातार कमी आ रही है. यह सकारात्मक संकेत हैं. ज्यादा से ज्यादा संख्या में राजस्व के मामलों के निस्तारण के लिए आवश्यक है कि जिलों में पीठासीन अधिकारी नियमित रूप से न्यायालयों में बैठें. इसके अतिरिक्त राजकीय कार्यालय अथवा विद्यालयों आदि के लिए भूआवंटन के मामलों को अभियान चलाकर निस्तारित करें. उन्होंने कहा कि मामलों के गुणवत्तापूर्ण निस्तारण के लिए निर्धारित प्रक्रिया का पूर्ण रूप से पालन किया जाना चाहिये.

राजस्व विभाग आम आदमी से जुड़ा विभाग
राजस्व विभाग के प्रमुख शासन सचिव आनंद कुमार ने कहा कि प्रदेश की 369 तहसीलों में से राजस्व रिकॉर्ड के कम्प्यूटरीकरण किए जाने से शेष रही 9 तहसीलों तथा नव गठित 23 तहसीलों में से शेष रही 17 तहसीलों में राजस्व रिकॉर्ड के कम्प्यूटरीकरण का काम शीघ्र पूरा किया जाए. तहसीलों में सर्वे रिसर्वे तथा रिकॉर्ड़ों के डिजिटाइजेशन के काम को कैसे और बेहतर तथा जल्दी किया जा सकता है, इस पर विचार किया जाना चाहिये. उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग सीधे रुप से आम आदमी से जुड़ा हुआ विभाग है और उनकी राजस्व संबंधी समस्याओं का निराकरण हमारी पहली प्राथमिकता है.

जयपुर कलेक्टर को मिली सराहना

मंत्री रामलाल जाट ने जयपुर में भूमि आवंटन के प्रकरणों की प्रगति पर सराहना की. जयपुर से कलेक्टर की जगह एडीएम दिनेश कुमार बैठक में जुड़े रहे. उन्होंने जयपुर में ज्यादा से ज्यादा स्कूल, कॉलेज सहित अन्य भूमि आवंटनों का ब्यौरा सबके सामने रखा. जिसकी मंत्री ने तारीफ की ओर कहा कि इसके अलावा जमीनों का सेटअपार्ट भी किया जाए. जिस पर एडीएम ने कहा कि हमने जमीनों को सेटअपार्ट भी कर दिया है. जिससे भविष्य में दिक्कत नहीं आएगी.

संभागीय आयुक्त, कलेक्टरों की ओर से रखी गए समस्याएं

पटवारियों की संख्या कम होने की बात आई सामने
नोटिस तामिलों के लिए नफरी की संख्या कम

झुंझुनूं में जोहड़ों में पट्टों का मामला

तहसीलदारों को फॉर्स देने की बात रखी गई, जिससे अतिक्रमण हटाने में आसानी रहे

उदयपुर में कृषि जमीनों के शहरी एरिया में आने से पट्टों और बंटवारे में दिक्कत का मामला भी आया सामने

सर्वर के चलते नामांतरण में दिक्कतों की समस्या

सभी पटवारियों को नामांतरण के लिए आईडी जारी करने की मांग

कार्यव्यवस्थार्थ लगाए गए तहसीलदारों को कार्यपालक मजिस्ट्रेट की पावर देने की मांग

आवास रिपेयर और ड्राइवरों की कमीं का मामला भी रखा गया सामने

पटवारियों के नौकरी से छोड़कर चले जाने की बात भी आई सामने

बैठक में राजस्व मण्डल निबंधक महावीर प्रसाद बुरड़क, राजस्व विभाग जेएस महावीर प्रसाद मीणा, विश्व मोहन शर्मा, डीएस मोहनदान रत्नू, विधि अधिकारी संतोष पूनिया सहित अन्य मौजूद रहे.

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