इस वजह से निजी हाथों में नहीं जाएगी राजस्थान रोडवेज, राइजिंग राजस्थान समिट के दौरान MOU होने की संभावना ना के बराबर!
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इस वजह से निजी हाथों में नहीं जाएगी राजस्थान रोडवेज, राइजिंग राजस्थान समिट के दौरान MOU होने की संभावना ना के बराबर!

Rajasthan News: राजस्थान रोडवेज को निजी हाथों में दिए जाने के प्रस्ताव पर निर्णय होने की संभावना नहीं है. राज्य सरकार को ऑस्ट्रेलिया की एक कंपनी ने रोडवेज में 35 हजार करोड़ के निवेश का प्रस्ताव दिया था.

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Rajasthan News: राजस्थान रोडवेज में 35 हजार करोड़ के विदेशी निवेश का प्रस्ताव फिलहाल पूरा होता नहीं दिख रहा है. ऐसे में इस प्रस्ताव पर राइजिंग राजस्थान समिट के दौरान MOU होने की संभावना नहीं है.

राजस्थान रोडवेज को निजी हाथों में दिए जाने के प्रस्ताव पर निर्णय होने की संभावना नहीं है. राज्य सरकार को ऑस्ट्रेलिया की एक कंपनी ने रोडवेज में 35 हजार करोड़ के निवेश का प्रस्ताव दिया था.

ऑस्ट्रेलिया की ई-मोबिलिटी इंफ्रा एंड कंसलटिंग प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के सीईओ रितेश पंडित ने राज्य सरकार को निवेश का प्रस्ताव भेजा था. 

इस प्रस्ताव के तहत अगले 15 सालों में रोडवेज में 15 हजार इलेक्ट्रिक बसें संचालित करने की बात कही गई थी. इस प्रस्ताव के तहत रोडवेज के सभी बस अड्डों, कार्यशालाओं और अन्य संपत्तियों को निजी कंपनी को 99 वर्ष के लिए लीज पर दिए जाने की बात कही गई थी. इसे लेकर रोडवेज मुख्यालय ने प्रस्ताव पर अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को भिजवा दी.

निवेश प्रस्ताव की बड़ी बातें
राजस्थान में अगले 15 वर्ष में 6.5 अरब डॉलर निवेश का दिया प्रस्ताव
15 हजार इंटर सिटी इलेक्ट्रिक बसें संचालित करने की बात कही
इससे राज्य में रोडवेज से जुड़े 20 हजार 500 लोगों को सीधे रोजगार मिलेगा
रोडवेज के सभी डिपो, बस स्टैंड और कार्यशाला लेने की बात कही
99 वर्ष के लिए लीज पर लेने का दिया प्रस्ताव
शुरुआती 18 माह में 700 ई बसें चलाने की बात कही
बस अड्डों पर निर्माण, बिजली, पानी और अन्य जरूरी अनुमति रोडवेज प्रशासन ले 
डिजाइन, बिल्ट, ऑपरेट एंड मेंटेन मॉडल पर बस अड्डों के संचालन के लिए लीज मनी देने की बात नहीं
रोडवेज के मौजूदा रूट, फ्रिक्वेंसी, टोल चार्जेस और अन्य खर्चों की जानकारी मांगी
सभी इंटर सिटी रूट पर बसें चलाने के लिए एकाधिकार मांगा
6 गीगावाट के सोलर और विंड प्लांट लगाने की बात कही

 रोडवेज से जुड़े सूत्रों की माने तो यह निवेश प्रस्ताव रोडवेज के लिए फिजिबल नहीं है. दरअसल रोडवेज की सभी संपत्तियों को निःशुल्क लीज पर लिए जाने की बात कही गई है, लेकिन इसके एवज में रोडवेज प्रशासन को कितना भुगतान किया जाएगा, इस बारे में कहीं भी स्पष्ट नहीं किया गया है.

हालांकि यह दावा किया गया है कि इस प्रस्ताव को अमल में लाने से रोडवेज का घाटा खत्म किया जा सकेगा. 

प्रस्ताव फिजिबल क्यों नहीं?
15 हजार ईवी बसें राज्य में एक साथ चलाना संभव नहीं, क्योंकि इतनी EV बसें अभी पूरे देश में संचालित नहीं
रोडवेज की सारी संपत्तियां, सभी रूट्स पर एकाधिकार मांगा गया
रोडवेज के 100 से अधिक बस स्टैंड और कार्यशालाओं की संपत्ति कई हजार करोड़ रुपए
रोडवेज की देनदारियों को चुकाने को लेकर कोई जिक्र प्रस्ताव में नहीं
रोडवेज कर्मचारियों के वेतन, पेंशन और सामाजिक सुरक्षा के बारे में जिक्र नहीं

 

 

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