जीसीकेसी कंपनी और इंजीनियर्स की लापरवाही के कारण बीलसपुर के सुरजपुरा फिल्टर प्लांट से जयपुर की 20 लाख आबादी को पीला पानी सप्लाई हो रहा था. जलदाय विभाग दावा कर रहा था कि पानी पीला जरूर है, लेकिन पीने योग्य है.
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जयपुर: जीसीकेसी कंपनी और इंजीनियर्स की लापरवाही के कारण बीलसपुर के सुरजपुरा फिल्टर प्लांट से जयपुर की 20 लाख आबादी को पीला पानी सप्लाई हो रहा था. जलदाय विभाग दावा कर रहा था कि पानी पीला जरूर है, लेकिन पीने योग्य है. पीएचईडी के इस दावे के बाद सप्लाई टाइम के दौरान जी मीडिया की टीम फील्ड में उतरी और खुद ने पानी के सैंपल लिए. सैंपलिंग में पानी पीने योग्य पाया गया.जांच में पाया गया कि फ्लोराइड की मात्रा बिल्कुल ठीक है और अब दो दिन के बाद पीले पानी की समस्या से जयपुर को निजात मिल गई है.
जलदाय विभाग जयपुर को साफ पानी पिलाने के लिए जीसीकेसी कंपनी को 5 करोड़ सालाना देता है, लेकिन इसके बावजूद जयपुर को दो दिन तक पीला पानी पीना पडा. पीएचईडी के इंजीनियर्स ने जलदाय मंत्री महेश जोशी के निर्देश के बाद अतिरिक्त मुख्य अभियंता आरसी मीना ने शहर में पानी के सैंपल करवाए.
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पार्टिकल को सेटलिंग टाईम नहीं मिला,जिस कारण गंदा पानी पास हुआ
अक्सर टैम्परेचर ज्यादा हो और डैम में पानी का लेवल कम हो या फिर नीचे से काई आए तब पानी का रंग बदलता है, लेकिन बीसलपुर बांध में इस समय पानी का लेवल भी ठीक है और टैम्परेचर भी कम है. इसके बावजूद भी पानी का रंग बदला. बदलते पानी के रंग पर एक्सपर्ट्स की राय है कि टर्बिडिटी के अनुसार, पीएसी की डोज केल्कुलेशन का सही आकंलन नहीं हुआ. इसके कारण पार्टिकल को सेटलिंग टाईम नहीं मिला, जिस कारण ये गंदा पानी आगे पास हो गया. जिम्मेदार जीसीकेसी फर्म पीएसी की सही केल्कुलेशन नहीं कर पाई. फर्म के साथ विभाग के कैमिस्ट द्धारा लापरवाही बरती गई है. पानी के लेवल के अनुसार, सुरजपुरा फिल्टर प्लांट पर डोज की केल्कुलेशन की जाती है, लेकिन कैमिस्ट की केल्कुकेशन में गड़बड़ी हुई, जिस कारण जयपुर की 20 लाख आबादी को दो दिन तक पीला पानी पीना पडा.
जिम्मेदार फर्म, इंजीनियर्स पर कार्रवाई कब
इस लापरवाही के बाद में पूरे जलदाय महकमे में हडकंप मचा हुआ है. हालांकि अब पीले पानी पर कंट्रोल जरूर हो गया है,लेकिन जिम्मेदार फर्म का क्या होगा,जलदाय विभाग कब जीसीकेसी फर्म और जिम्मेदार इंजीनियर्स पर कार्रवाई करेगा.विभाग ने फर्म और एक्सईएन,एईएन,जेईएन को नोटिस थमाया था. फर्म और विभाग के इंजीनियर्स की लापरवाही पर बदलते पानी के रंग के बाद मुख्य अभियंता शहरी मनीष बेनीवाल,बीसलपुर प्रोजेक्ट के अधीक्षण अभियंता शुभांक्षु दीक्षित ने सूरजपुरा प्लांट पहुंचकर निरीक्षण किया.
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