Jaisalmer News: सीमावर्ती जिले जैसलमेर स्थित आकल वुड फॉसिल्स पार्क को जल्द ही विश्व स्तरीय बनाने की कवायद शुरू की जाएगी. यह जानकारी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट घोषणा के बाद में दिए गए प्रत्युतर में जैसलमेर विधानसभा क्षेत्र की घोषणाओं के विवरण में दी.
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Jaisalmer: सीमावर्ती जिले जैसलमेर स्थित आकल वुड फॉसिल्स पार्क को जल्द ही विश्व स्तरीय बनाने की कवायद शुरू की जाएगी. यह जानकारी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट घोषणा के बाद में दिए गए प्रत्युतर में जैसलमेर विधानसभा क्षेत्र की घोषणाओं के विवरण में दी.
उन्होंने आकल वुड फॉसिल्स पार्क को विश्व स्तरीय बनाने के लिए विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनाने को कहा. मुख्यमंत्री की इस घोषणा से निश्चित ही जैसलमेर के पर्यटन को नई ऊंचाई हासिल होगी.
जैसलमेर जिला वन संरक्षक आशीष व्यास ने जानकारी देते बताया की मुख्यमंत्री की बजट घोषणा में डीपीआर बनाने की प्रस्तावना को लेकर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि बहुत जल्द ही प्रस्ताव बनाकर उसमें आकल के लिए वर्ल्ड क्लास सुविधाओं से युक्त बनाया जाएगा जिससे ज्यादा से ज्यादा पर्यटक यहां विजिट कर सकें.
आकल प्राचीन काष्ठ जीवाश्मों के संरक्षण के लिए रुट मरम्मत और उसे सहजने का कार्य करवाया जाएगा. इसके अलावा वहां पर टूरिस्ट पॉइंट बना कर पर्यटकों के लिए आवश्यक सुविधाओं का भी बंदोबस्त किया जाना प्रस्तावित होगा. वहीं आकल में फॉसिल्स इंटरप्रिटेशन सेंटर भी बनाया जाना प्रस्तावित होगा जिससे पर्यटकों और शोधार्थियों को इस वुड फॉसिल्स पार्क पर बहुमूल्य जानकारी हासिल हो सकेगी.
गौरतलब है की पश्चिमी राजस्थान के जैसलमेर ज़िले का शुष्क-रेतीला मरू क्षेत्र जो लगभग 18 करोड़ वर्ष पूर्व एक अत्यंत नम उष्ण जलवायु का क्षेत्र था. इस पूरे क्षेत्र में घने वन थे. उस समय के इन ऊंचे वृक्षों के तनों के जीवाश्म आज भी जैसलमेर से 17 किलोमीटर दूर अतीत की याद दिलवाते है.
कालान्तर में भौमिकी गतिविधियों के कारण यह जीवाश्म पुनः पृथ्वी की सतह पर आ जाते है. आकल वुड फोसिल पार्क भी इसी प्रकार का एक स्थल है . वुड फोसिल के अध्ययन से इनकी आयु, उस समय की वनस्पति और क्षेत्र के उस समय के जलवायु व अन्य विषयों की जानकारी प्राप्त करना संभव होता है.
डीपीआर बनाने के बाद जैसलमेर के आकल वुड फॉसिल्स पार्क को विश्व स्तरीय बनाने की कवायद और इस कार्य को अंजाम देने से स्वर्ण नगरी के पर्यटन को पंख तो निश्चित रूप से लगेंगे वही भू विज्ञान को समझने और जिज्ञासा रखने वालों के अतिरिक्त इस विषय के विद्यार्थियों को पृथ्वी के अनादि काल से आज तक के रहस्यों से संबंधित कई जानकारियां हासिल हो सकेगी.