Chirawa News: झुंझुनूं के चिड़ावा शहर में एक पिता ने अपनी बेटी की बिंदौरी निकालकर बेटा-बेटी एक समान का संदेश दिया. इस दौरान लड़की के परिजन, रिश्तेदारों और दोस्त नाचते-गाते घुड़चढ़ी में शामिल हुए.
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Pilani News, Jhunjhunu: शेखावाटी में विवाह समारोह में बेटों की तरह ही अब बेटियों को भी घुड़चढ़ी की रस्म निभाने की परंपरा ट्रेंड कर रही है. ऐसा ही नजारा झुंझुनूं के चिड़ावा शहर में देखने को मिला. यहां के वार्ड 38 निवासी केशव शर्मा और सीमा देवी ने शादी से पहले बेटी निशा को बेटे की तरह घोड़ी पर बैठकर धूमधाम से बिंदौरी निकाली.
खास बात ये है कि बेटी को घोड़ी पर बैठाकर बेटे जैसा अहसास कराने का फैसला मजदूरी कर घर चलाने वाले केशव शर्मा ने इसलिए लिया ताकि बेटियों को कभी ये ना लगे कि उनका पिता उनको किसी भी मायने में बेटों से कम मानता है.
इसके चलते रविदास मंदिर के पास मकान से बिंदौरी रवाना हुई, जिसमें निशा की बहने, परिवार के अन्य सदस्य, रिश्तेदार भी इस दौरान गाजे-बाजे से निकली बिंदौरी में नाचते खुशी मनाते नजर आए. बेटी निशा ने भी इस तरह शादी से पहले अदभुत सम्मान देने के लिए परिजनों का आभार जताया और कहा कि ऐसा सम्मान हर बेटी को मिलना चाहिए. केशव शर्मा के नौ बेटियां हैं. केशव के एक के बाद एक नौ बेटियां हुई, लेकिन इसके बावजूद केशव और उसकी पत्नी ने बेटियां होने के बावजूद कभी उन्हें अपने ऊपर भार नहीं माना.
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बल्कि वे तो बस हर वक्त अपनी बेटियों को बेटे की तरह रखना पसंद करते हैं. इसी अहसास को बिंदौरी में भी उन्होंने साकार किया. आखिर करें भी क्यों ना, आखिर ये नौ बेटियां ही तो केशव के घर की शान हैं. बहरहाल निशा की शादी चिड़ावा के ही निवासी हेमंत पांडेय के साथ हुई. निशा की आठ बहनें पायल, तनिषा, मनीषा, सुधा, नंदिनी, टीना, कल्पना और दिव्यांशी हैं.
Reporter- Sandeep Kedia