जोधपुर जिले के लोहावट विधानसभा के दयाकोर ग्राम पंचायत क्षेत्र में राज्य सरकार ने करोड़ो रुपये खर्च करके नहर का मीठा पानी पंहुचाने के लिए फिल्टर हॉउस और पानी की टंकियों का निर्माण करवाया लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते दयाकोर क्षेत्र के सात गांवों के वाशिंदे भीषण गर्मी में प्यासे मर रहे है.
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Lohawat: राजस्थान के जोधपुर जिले के लोहावट विधानसभा के दयाकोर ग्राम पंचायत क्षेत्र में राज्य सरकार ने करोड़ो रुपये खर्च करके नहर का मीठा पानी पंहुचाने के लिए फिल्टर हॉउस और पानी की टंकियों का निर्माण करवाया लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते दयाकोर क्षेत्र के सात गांवों के वाशिंदे भीषण गर्मी में प्यासे मर रहे है.
दयाकोर ग्राम पंचायत के राजस्व गांव मदरूपनगर, तेली पुलिया में सरकार ने करोड़ो रुपये खर्च करके नहर का मीठा पानी पहुंचाने के लिए फिल्टर हॉउस बना सप्लाई शुरू कर दी.
योजना के अंतर्गत सात गांवों में मीठा पानी जा भी रहा है लेकिन जिम्मेदारों की मिलीभगत के चलते रोजाना हजारों लीटर पीने का पानी अवैध कनेक्शन वालों के वहां पहुंच रहा है. तेली पुलिया से मस्जिद की ढाणी तक पांच किलोमीटर पाइपलाइन में जगह-जगह अवैध कनेक्शन होने के चलते मस्जिद की ढाणी में बनी एसआर टंकी में पानी नहीं पहुंच पा रहा है.
इसी टंकी से दयाकोर और कुशलावा ग्राम पंचायत की टंकियों को जोड़ा रखा है लेकिन पानी नहीं पहुंचने के चलते क्षेत्र के वाशिंदों को महंगे दामों पर टैंकरों से पानी मंगवाना पड़ रहा है. क्षेत्र की पिलवा-सदरी-जम्भेश्वरनगर पेयजल योजना के तहत दयाकोर ग्राम पंचायत मुख्यालय के अलावा चटाल नगर, चिकनीनाडी, सुख सागर, बगतेश नगर, हिम्मत नगर और अम्बेडकर नगर के वाशिंदों को अभी तक एक बून्द पानी नसीब नहीं हुआ है.
ग्रामीणों ने बताया कि इस समस्या को लेकर कई बार विभागीय अधिकारयों को अवगत करवाया जा चुका है लेकिन अवैध कनेक्शन वालों के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. इस बारे में जब विभागीय अधिकारयों से जानकारी चाही तो उन्होंने बताया कि अवैध कनेक्शनों की शिकायत पर विभाग द्वारा कई बार कार्रवाई कर उनके कनेक्शन हटाए गए थे लेकिन वो लोग कनेक्शन काटने के बाद पुनः अवैध कनेक्शन कर लेते है. महंगे दामों पर टेंकर मंगवाने को मजबूर-क्षेत्र के वाशिंदों ने बताया कि योजना से जुड़े हुए कई गांवों में अवैध कनेक्शनों के चलते पानी नहीं पहुंच पा रहा है, जिसके चलते लोगों को मजबूरन महंगे दामों पर पीने के लिए और मवेशियों के लिए टैंकरों से पानी डलवाना पड़ रहा है.
Reporter: Arun Harsh
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