Jodhpur news: जोधपुर महानगर के न्यायाधीश 10 वर्ष पूर्व चौपासनी हाउसिंग बोर्ड थानां इलाके में हुए सामूहिक हत्याकांड में आरोपियो को दोषी करार देते हुए 5 आरोपियो को आजीवन कारावास की सजा सुनाई.
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Jodhpur news: अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश संख्या 02, जोधपुर महानगर के न्यायाधीश 10 वर्ष पूर्व चौपासनी हाउसिंग बोर्ड थानां इलाके में हुए सामूहिक हत्याकांड में आरोपियो को दोषी करार देते हुए 5 आरोपियो को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. सामूहिक हत्या काण्ड के आरोपियों भावेश उर्फ बन्टी, सुनील, कमल वैष्णव, मनीष पंवार, अनिल उर्फ भाया को हत्या काण्ड का दोषी मानते हुए सभी को विभिन्न धाराओं में अलग-अलग सजा व जुर्माना से दण्डित करने का आदेश दिया.
परिवादी के अधिवक्ता न्यायमित्र भारत भूषण शर्मा, जहीर अब्बास व अपर लोक अभियोजक अनिल देवड़ा ने न्यायालय को बताया कि 21 जून 2013 को सभी आरोपियों सहित दो अन्य व्यक्यिों ने महादेव नगर, चौपासनी हाउसिंग बोर्ड में धमेन्द्र उर्फ महेश के घर में घुसकर धर्मेन्द्र व उसकी पत्नि राखी, उसकी सास लक्ष्मी देवी उसकी सहेली सुनिता रखवानी के साथ ही उसके दो वर्ष के मासूम पुत्र तनिष्क को धारदार हथियारों से सभी के गले व पेट काटकर जान से मार डाला .
वारदात में एक राखी की 08 वर्षीय नाबालिग बच्ची कशिश को भी जान से मारने की नियत से उसके गले में धारदार हथियारों से 08 वार व पेट को चीरकर मरा हुआ जानकर सभी आरोपी सोने-चाँदी के जैवर लूटकर भाग गए, परन्तु कशिश जिन्दा बच गई और घटना के 24 घण्टे बाद परिवादी के वहाँ पहुँचने और पुलिस को बुलाने पर 24 घण्टों तक कशिश जीवन और मृत्यु के बीच में संघर्ष करती रही उसी मासूम बच्ची ने जो कि इस कैस की एकमात्र चश्मदीद गवाह है, ने न्यायालय में बयान देते हुए सभी आरोपियों को पहचाना और उनके द्वारा हत्या करना न्यायालय को बताया और उसी के बयानों से आरोपियों के खिलाफ अपराध प्रमाणित हुआ .
पुलिस द्वारा आरोपियों की सूचना पर हथियार बरामद किए व आरोपियों द्वारा लूटा गया सोना-चाँदी के जैवर बरामद किए गए. न्यायमित्रों भारत भूषण शर्मा, जहीर अब्बास ने दौराने बहस न्यायालय को बताया कि यह हत्या काण्ड बहुत ही भयानक विभत्स व दर्दनाक सामूहिक हत्या काण्ड है जिसमें एक 02 वर्ष का मासूम बच्चा, 08 वर्ष की मासूम बच्ची, 03 महिलाएँ व 01 व्यक्ति की बरबरता पूर्वक हत्या की गई है. इसलिए कठोर से कठोर दण्ड दिया जावें.
कोई नरमी नहीं बरती जावे, जबकि अभियुक्तगण ने न्यायालय से नरमी की गुहार की. न्यायालय ने सभी मुल्जिमानों को हत्या का दोषी मानते हुए व हत्या का प्रयास, जबरन घर में घुसकर हत्या करने, अवैध हथियार ले जाने का दोषी मानते हुए व आर्म्स एक्ट के तहत् दोषी मानते हुए सभी को आजीवन कारावास हत्या के प्रयास में 10 वर्ष का कारावास व 50 हजार रूपये का जुर्माना नहीं अदा करने पर 03 वर्ष का कारावास सजाओं से दण्डित करने का आदेश दिया. आरोपी गिरफ्तारी से आज तक जेल में है.
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