Jodhpur News: जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला जैसलमेर में जीएसटी काउंसिल बैठक में हिस्सा लेकर जोधपुर पहुंचे. यहां पर उन्होंने मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि वन नेशन वन इलेक्शन प्रस्ताव अभी संसद के सामने है और इस पर बहस होनी है. फिर किसी नतीजे पर आया जाएगा. उसके बाद कुछ विधानसभाओं राज्यों में भी इसको पास करना होगा.
हमें नही लगता इससे किसी को कोई फायदा होगा. बहस होने दीजिए फिर देखते है किसको फायदा होगा. इसके आगे उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर एवं लोकसभा के चुनाव अगर साथ होते है, तो जम्मू कश्मीर के मुद्दे इतने अलग नहीं है. हांलाकि जम्मू कश्मीर की कुछ अलग परेशानियां है. कुछ मुद्दे तो जरूर सांझे है जो ये किया जा रहा है हमें डर है कि वन नेशन वन इलेक्शन से क्षेत्रीय पार्टियों को कमजोर करने की साजिश है. लेकिन मै फिर कहूंगा कि संसद पर बहस होने दीजिए और नतीजे आने दीजिए.
जैसलमेर में जीएसटी काउंसिल की बैठक में हिस्सा लेने के बाद उन्होंने कहा कि इस काउंसिल बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय हुए साथ ही प्री बजट को लेकर भी मंथन किया गया. हमने हमारे मुद्दे वित्त मंत्री के सामने रखे हैं. वित्त मंत्री इस पर अमल करें और लागू करें.
जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला जैसलमेर में आयोजित जीएसटी काउंसिल की बैठक में हिस्सा लेने के लिए 20 दिसम्बर को जोधपुर पहुंचे. जोधपुर एयरपोर्ट पर दूसरे राज्यों के मुख्य मंत्री के उलट नजारा देखने को मिला. वे एयरपोर्ट से अपना सूटकेस खुद उठाकर बाहर निकले व खुद से ही अपनी गाडी में रखा और इस दौरान सुरक्षाकर्मियों ने उनके सुटकेस को लेने का आग्रह किया, लेकिन उन्होने मना कर दिया.
इसके साथ ही वे खुद ही अपनी गाडी को ड्राइव करते हुए सर्किट हाउस पहुंचे. सर्किट से जैसलमेर के लिए रवाना हुए तो तीन घंटे की ड्राइव भी स्वयं की. इस दौरान राजस्थान के सुरक्षाकर्मी भी ये नजारा देखते रह गए. पहले कभी किसी मुख्यमंत्री को खुद से ड्राइव करते हुए नहीं देखा गया है. मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला जैसलमेर में रहे उस दौरान भी उन्होंने पर्यटक स्थलों का भ्रमण करते हुए खुद ही गाडी को ड्राइव किया और फिर वापस बैठक खत्म होने के बाद जैसलमेर से जोधपुर तीन घंटे की लम्बी ड्राइव के बाद खुद ही गाडी को लेकर आए.
उनकी गाडी भी खास है. वे अपनी निजी गाडी लेकर राजस्थान पहुंचे थे. डिफेंडर गाडी ये कई मायनों में खास है. यह एक बुलट प्रुफ फोर बाई फोर टॉप वर्जन की गाडी है, जिसकी कीमत तीन करोड़ रूपए से ज्यादा है यह हर परिस्थिति की अनुकूल है.जब उनसे स्वयं गाडी चलाने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि इसमें कुछ अलग नहीं है. पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी खुद गाडी ड्राइव करते थे और मुझे भी बचपन से गाडी चलाने का शौक है.