Jodhpur News : जोधपुर में मिट्टी पर भी लगता है टैक्स, सुविधाओं की कमी से जूझ रहा लघु उद्योग
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Jodhpur News : जोधपुर में मिट्टी पर भी लगता है टैक्स, सुविधाओं की कमी से जूझ रहा लघु उद्योग

Jodhpur News : राजस्थान स्व-रोजगार एवं छोटे उद्योग के लिए देश में अपनी अलग पहचान रखता है. लेकिन जोधपुर ऐसा जिला है जहा मिट्टी पर भी टैक्स देना पड़ता है. हम बात कर रहे है जोधपुर के छोटे से गांव संगासनी की जहां सदियों से मोयला कुम्हार मिट्टी के घड़े बनाने का काम कर रहे है. 

 

 

जोधपुर में मिट्टी पर भी लगता है टैक्स.

Jodhpur : राजस्थान स्व-रोजगार एवं छोटे उद्योग के लिए देश में अपनी अलग पहचान रखता है. लेकिन जोधपुर ऐसा जिला है जहा मिट्टी पर भी टैक्स देना पड़ता है. हम बात कर रहे है जोधपुर के छोटे से गांव संगासनी की जहा सदियों से मोयला कुम्हार मिट्टी के घड़े बनाने का काम कर रहे है.

यहां से बने मिट्टी के घड़ों में गर्मी के मौसम में ठंडा पानी तो सभी पीते है लेकिन इनको बनाने वालो की सुध कोई नही लेता है. इस देश में बाते बड़ी बड़ी होती है कि छोटे उद्योगों को बढ़ावा मिलना चाहिए. लोगो स्वरोजगार एवं लघु उद्योगों की ओर ध्यान देना चाहिए ताकि उनका गुजारा हो सके लेकिन कभी इन लोगो की समस्याओं को किसी की ओर ध्यान नही दिया जाता है. 

नहीं मिलती दिनभर की मजदूरी 

जब जी मीडिया ने इन लोगों से इनके हाल जाने तो मिट्टी के घड़े बनाने वाले इन लोगो ने कहा कि हम आज से नही सदियों से यही काम कर रहे हैं, लेकिन दिनभर में मजदूरी भी नहीं निकलती है. गुजारे के लायक पांच सौ सात सौ रूपए बन जाते है वो भी पूरे परिवार की मेहनत से क्योकि मिट्टी से लेकर लकड़ी तक सब महंगे हो गए है. खास कर रोहट से आने वाली काली मिट्टी पर जो टैक्स लग रहा है उसकी वजह से महंगाई ज्यादा हो जाती है. ऐसे में पर्याप्त मजदूरी भी नही मिलती है. 

नई सरकार का गठन हो गया है तो सरकार से मांग रहेगी कि कुछ नही तो मिट्टी पर लगने वाले टैक्स को माफ कर दिया जाए तो भी उनको कुछ राहत मिल जाएगी. संगासनी में यह एक परिवार नही बल्कि ऐसे सौ दौ सौ परिवार है तो वही आसपास के गांवों में भी कई गांव है जहा मिट्टी के घड़े बनाए जाते है उन सबको राहत मिल जाएगी.

सरकार रोजगार के लिए लोगों को कर सकती है प्रेरित 

सरकार लघु एवं कुटीर उद्योगों को बढं देकर रोजगार के लिए लोगों को प्रेरित कर सकती है और उनकी कला को ना केवल राजस्थान बल्कि देश में भी पहचान दिला सकती है लेकिन उनकी समस्याओं का समाधान हो जाए तो इनको नया जीवन मिल जाएगा. यहा के बन घड़े ना केवल राजस्थान बल्कि गुजरात व महाराष्ट्र भी जाते है ऐसे में इन लोगो की समस्याओं से निजात दिलाने के लिए सरकार को भी पहल करनी होगी.

Reporter- Rakesh Kumar Bhardwaj

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