Navratri 2023 : हिंदू पंचांग के अनुसार 15 अक्टूबर से शारदीय नवरात्र आरंभ हुए और 23 नवंबर तक चलेंगे. दशमी तिथि को मां दुर्गा की मूर्ति का विसर्जन किया जाएगा. अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को महाअष्टमी पड़ती है. मां दुर्गा के 8वें स्वरूप महागौरी की पूजा इस दिन की जाती है.
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Navratri 2023 : हिंदू पंचांग के अनुसार 15 अक्टूबर से शारदीय नवरात्र आरंभ हुए और 23 नवंबर तक चलेंगे. दशमी तिथि को मां दुर्गा की मूर्ति का विसर्जन किया जाएगा. अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को महाअष्टमी पड़ती है. मां दुर्गा के 8वें स्वरूप महागौरी की पूजा इस दिन की जाती है.
अष्टमी पर कन्या पूजन का भी विधान है और फिर दशमी पर मां दुर्गा की मूर्ति का विसर्जन किया जाता है. दुर्गा अष्टमी 21 अक्टूबर 2023 को रात 9 बजकर 15 मिनट से लेकर 22 अक्टूबर 2023 को रात 8 बजे तक रहेगी. इस दिन के शुभ मुहूर्त इस प्रकार है.
दुर्गाष्टमी पूजा 2023 का शुभ मुहूर्त
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12 से 12 बजकर 46 मिनट तक और विजय मुहूर्त : दोपहर 02 बजकर 19 मिनट से 03 बजकर 05 मिनट तक रहेगा
वहीं अमृत काल : दोपहर 12 बजकर 38 मिनट से 02 बजकर 10 मिनट तक रहेगा
संधि पूजा समय: शाम को 07 बजकर 34 मिनट से 08 बजकर 22 मिनट तक रहेगी.
निशीथ काल मुहूर्त : रात 11 बजकर 58 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक होगा
सर्वार्थ सिद्धि योग : सुबह 06 बजकर 35 मिनट से शाम 06 बजकर 44 मिनट तक होगा.
रवि योग : शाम 06 बजकर 44 मिनट से अगले दिन सुबह 06 बजकर 35 मिनट तक रहेगा.
महानवमी पूजा 2023 कब है
नवमी तिथि 22 अक्टूबर 2023 को शाम 7 बजकर 59 मिनट से 23 अक्टूबर 2023 को शाम 05 बजकर 44 मिनट तक रहेगी. यानि की महानवमी 23 अक्टूबर 2023 को हैं.
महानवमी 2023 शुभ मुहूर्त
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11 बजकर 43 मिनट से 12 बजकर 28 मिनट तक
विजय मुहूर्त : दोपहर 1 बजकर 58 मिनट से 2 बजकर 43 मिनट तक.
अमृत काल : सुबह 7 बजकर 29 मिनट से 8 बजकर 59 मिनट तक
निशीथ काल मुहूर्त : रात 11 बजकर 40 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक
सर्वार्थ सिद्धि योग : सुबह 06 बजकर 27 मिनट से शाम 05 बजकर 14 मिनट तक
रवि योग : पूरे दिन रहेगा
नवमी तिथि के साथ ही नवरात्रि समाप्त हो जाएगी. इस दिन मां दुर्गा के 9वें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा का विधान है. इस साल आश्विनी मास के शुक्ल पक्ष की महानवमी पूजा का शुभ मुहूर्त है. नवरात्रि के दौरान महाष्टमी और महानवमी के दिन कन्या पूजन से जातक को हर कष्ट से मुक्ति मिलती है और घर परिवार में मां लक्ष्मी का वास हो जाता है.