Kota News: सातलखेड़ी से 15 साल पहले गुम हुआ था लड़का, सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनकर वापस लौटा, माँ के उड़े होश
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Kota News: सातलखेड़ी से 15 साल पहले गुम हुआ था लड़का, सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनकर वापस लौटा, माँ के उड़े होश

Kota News: रामगंजमंडी (कोटा) कोटा जिले की सातलखेड़ी कस्बे से करीब 15 साल पहले गुम हुए बालक मेघराज उर्फ राकेश को सुकेत पुलिस ने गुरुवार शाम करीब 5 बजे सातलखेड़ी से दस्तयाब कर लिया. राकेश वर्तमान में हैदराबाद की एक कम्पनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर है.

Kota News: सातलखेड़ी से 15 साल पहले गुम हुआ था लड़का, सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनकर वापस लौटा, माँ के उड़े होश
Kota News: रामगंजमंडी (कोटा) कोटा जिले की सातलखेड़ी कस्बे से करीब 15 साल पहले गुम हुए बालक मेघराज उर्फ राकेश को सुकेत पुलिस ने गुरुवार शाम करीब 5 बजे सातलखेड़ी से दस्तयाब कर लिया. राकेश वर्तमान में हैदराबाद की एक कम्पनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर है.
 
उसकी सेलेरी करीब 70 हजार रुपए है. सन 2009 में बालक की गुमशुदी सुकेत थाने में दर्ज कराई गई थी. उसके बाद से ही पुलिस गुमशुदा की तलाश कर रही थी. इसको लेकर पुलिस ने बालक की दस्तयाबी पर 2 हजार रुपए का इनाम भी घोषित किया था.
 
गुमशुदा राकेश ने बताया कि दोस्तों के साथ रामगंजमंडी रेलवे स्टेशन गया था. वहां रेलवे की पटरी का टुकड़ा पड़ा हुआ था, जो उसने हाथ मे उठा लिया. कुछ दूरी पर ही पुलिस खड़ी थी, जो उसकी तरफ दौड़ी. जिससे वह डर गया और स्टेशन पर खड़ी एक ट्रेन में चढ़ गया. इसके बाद कई स्टेशनों पर ट्रेनें बदलते हुए हैदराबाद पहुँच गया. वहां किसी ने राकेश को पुलिस को सौप दिया.
 
पुलिस ने उससे पूछताछ भी की लेकिन उस समय राकेश को कुछ समझ नहीं थी. उसे सिर्फ रामगंजमंडी और सातलखेड़ी का ही नाम पता था. ये कोनसे राज्य में पड़ते है ये पता नहीं था. इसके बाद पुलिस ने उसे एक संस्था को सौप दिया. वहां रहकर राकेश ने अपनी पढ़ाई की और करीब 3 साल पहले सॉफ्टवेयर इंजीनियर बना और नौकरी लग गई.आज राकेश की सेलरी 70 हजार रुपए है.
 
थानाधिकारी छोटूलाल ने बताया कि बालक को तलाशने के लिए पुलिस लगातार प्रयास कर रही थी. बालक की दस्तयाबी पर 2 हजार का इनाम भी घोषित किया हुआ था. बालक की तलाशी के लिए टीमों का गठन किया गया था. जो लगातार बालक को महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना व अन्य प्रांतों में तलाशने का प्रयास कर रही थी. इसके बाद बालक के हुलिए के आधार पर कई जगह पोस्टर इसतिहार निकलवाये गए. इसके बाद मुखबिर तंत्र से मेघराज बैरवा उर्फ राकेश के हैदराबाद में होने की जानकारी मिली, जिसके बाद हैदराबाद में सम्पर्क कर राकेश को सातलखेड़ी बुलवाकर दस्तायाब किया और उसकी माँ व परिवार को सौप दिया गया.

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