कोटा के पीपल्दा के इटावा क्षेत्र में इन दिनों खेतो में सोयाबीन की कटाई चल रही थी, ऐसे समय में बारिश ने किसानों का सब कुछ खत्म कर दिया.
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Kota: कोटा के पीपल्दा के इटावा क्षेत्र में पिछले दो दिन में बेमौसम बारिश ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया है. किसानों की फसलें पूरी तरह खराब हो गयी, जिस ओर देखो उस और बर्बादी ही बर्बादी दिख रही है. मध्यप्रदेश क्षेत्र में लगातार बारिश से पार्वती व चम्बल, कालीसिंध नदियों में जलस्तर बढ़ गया है, जिसके चलते क्षेत्र में इस बेमौसम बारिश ने रिकार्ड तोड़ दिए है. बर्बाद हुई फसलों को देखकर किसान हताश परेशान व निराश है.
सोयाबीन की कटी व खड़ी फसले पूरी तरह खराब
इटावा क्षेत्र में इन दिनों खेतो में सोयाबीन की कटाई चल रही थी, ऐसे समय में बारिश ने किसानों का सब कुछ खत्म कर दिया. खेतो में प्रकृति का मंजर इस कदर दिखा की सोयाबीन की फसल को 4 माह में आस थी कि कुछ निकलेगा लेकिन इस समय हुई बारिश से कटी फसल को तो पानी में डूबा कर खराब कर दिया तथा जो खड़ी है उनकी भी धूप खिलते ही फलियां गिर जाएगी. किसान कमल बागड़ी, केसरीलाल नागर, बिशनलाल, कालू लाल सहित अनेक किसानों ने बताया कि प्रकृति ने सब कुछ लूट लिया, इस फसल पर थोड़ी बहुत आस थी. क्षेत्र में अभी तक 70 से 80 प्रतिशत सोयाबीन की फसल खेतो में ही हैं, वहीं उड़द की फसल पहले ही बारिश में खत्म हो चुकी है.
फसल बीमा के नाम पर यह कैसा किसानों से छलावा
एक तरफ सरकारों द्वारा किसानों को फसल बीमा के नाम पर कई दावे किए जाते है, लेकिन यह सब केवल किसानों के लिये छलावा के अलावा कुछ नहीं है. वहीं हर वर्ष किसानों से बीमा कम्पनियां करोड़ो रूपये कमा रही है. इटावा क्षेत्र में 2019 से अभी तक पिछले वर्ष भी अतिवृष्टि से फसलें खराब हुई हैं, लेकिन किसानों को बीमा के नाम पर कुछ नहीं मिला. इस वर्ष भी पूरी तरह उड़द व सोयाबीन की फसलें खराब हो गयी लेकिन बीमा कम्पनियां किसानों से ट्रोल फ्री पर शिकायत दर्ज कराने सहित प्रक्रिया में उलझा रखा है, जबकि क्षेत्र में सरकारी गिरदावरी रिपोर्ट में फसलों में खराबा माना गया है. ऐसे में बीमा कम्पनियां बीमा प्रक्रिया को उलझा कर फिर मनमर्जी से किसानों के क्लेम दे देगी.
साहब राम तो रूठा अब तो राज सु ही आस
एक किसान ने अपनी बर्बाद फसल को दिखाते हुए अपनी पीड़ा बयान की और कहा कि सब कुछ खत्म हो गय, थोड़ी बहुत आस सोयाबीन की फसल से थी, फसल हाथ आ जाएगी, जिससे आगे की रबी फसल की बुवाई हो जाएगी, लेकिन सब कुछ बर्बाद हो गया, अब फिर साहुकारों से कर्ज के लिये हाथ फैलाना पड़ेगा. वही किसानों ने बताया कि पहले उड़द व सोयाबीन की फसल बारिश से पूरी तरह खराब हो चुकी है.
आसोज के महिने में में सावन सा नजारा
पिछले दो दिन से क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश के चलते आसोज में सावन हो गया है. हर तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है. वहीं खातोली पार्वती नदी की पुल पर करीब 7 फिट पानी होने के कारण मध्यप्रदेश व राजस्थान का सम्पर्क कट गया है. वहीं स्टेट हाइवे 70 कोटा - श्योपुर मार्ग अवरुद्ध हो गया है, जिससे दोनों ओर वाहनों की कतारे लग गयी है. वहीं चम्बल कैथूदा पुलिया पर लगभग 8 फिट पानी होने के कारण बारा - सवाईमाधोपुर मार्ग अवरुद्ध बना हुआ है. इसके साथ ही कालीसिंध नदी में तेजी से पानी की आवक बनी हुई है, जिससे पुल से 5-6 फिट पानी ही नीचे है. क्षेत्र में लगातार बारिश से जनजीवन पूरी तरह प्रभावित है. पीपल्दा तहसीलदार रामकिशोर मीना ने नदियों में बढ़ते जलस्तर के चलते नदी किनारे बसे गांवो के लोगों से नदीयों से दूर रहने की अपील की है.
24 घण्टे में तीन इंच बारिश, रिकार्ड टूटे
50 वर्षो में अक्टूबर महीने में इस तरह की बारिश लोगों ने नहीं देखी जिससे वर्षो पुराने सारे रिकॉर्ड टूट गए हैं. बेमौसम की बारिश ही नहीं हुई उसने में भी रिकार्ड तोड़ दिए पिछले इटावा क्षेत्र में 24 घण्टे में 80 एम एम से अधिक बारिश दर्ज की गई है. वहीं खातोली में भी में 80 एम एम से अधिक बारिश दर्ज की है. खातोली में भी लगभग 93 एम एम बारिश 24 घण्टे में दर्ज हुई है.
पीपल्दा तहसीलदार रामकिशोर मीणा ने बताया कि क्षेत्र में बेमौसम बारिश से फसलो में हुए नुकसान के लिये जिला कलक्टर के निर्देशों के बाद पीपल्दा तहसील क्षेत्र के सभी पटवारियों को फसल में नुकसान के सर्वे करने के निर्देश दिए है.
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