कोटा में अपना घर आश्रम की लापरवाही ने ली 3 विमंदितों की जान, ये है वजह
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कोटा में अपना घर आश्रम की लापरवाही ने ली 3 विमंदितों की जान, ये है वजह

कोटा में अपना घर आश्रम बन गया और मौत का आश्रम यहां बरती गई और घोर लापरवाही ने 3 विमंदितों की जान लेली, जबकि एक दर्जन विमंदित कोटा मेडिकल कॉलेज में उपचार के लिए भर्ती करवाए गए हैं.

घर आश्रम की लापरवाही ने ली 3 विमंदितों की जान

Kota: राजस्थान के कोटा में अपना घर आश्रम बन गया. मौत का आश्रम यहां बरती गई और घोर लापरवाही ने 3 विमंदितों की जान लेली, जबकि एक दर्जन विमंदित कोटा मेडिकल कॉलेज में उपचार के लिए भर्ती करवाए गए हैं, जिनका उपचार चल रहा है. फिलहाल शुरूआती जांच में दूषित पानी विमंदितों के जानलेवा बना है. 

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यही वजह मानी जा रही है घटना के बाद जिला कलेक्टर समेत स्वास्थ महकमें के अधिकारी मौके पर पहुंचे और जांच की गई. फूड और वाटर सेंपल लिए गए है और शाम तक रिपोर्ट आएगी. वहीं खुद जिला स्वास्थ अधिकारी भूपेंद्र सिंह तंवर ने एक बड़ी जानकारी दी की कल शाम ही कुछ विमंदितों की तबियत बिगड़ गई थी, लेकिन मामले को दबाने की कोशिश में उन्हें अस्पताल नहीं ले जाया गया. सुबह जब ज्यादा तबियत बिगड़ी तब जाकर अस्पताल ले जाकर विमंदितों का उपचार शुरू करवाया गया, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी और इसी लापरवाही ने 3 विमंदितों की जान ले ली.

मृतकों में दो महिलाएं 40 वर्षीय सुदेवी और 45 वर्षीय मुन्नी हैं. जबकि तीसरे मृतक का नाम 50 वर्षीय दिलीप हैं. मृतकों के अलावा आधा दर्जन से अधिक अन्य बीमारों का मेडिकल कॉलेज अस्पताल कोटा में इलाज जारी हैं. कलेक्टर ओपी बुनकर ने मेडिकल कॉलेज प्राचार्य और सीएमएचओ के साथ तुरंत अपना घर का दौरा किया. हादसे के बाद करीब 300 की क्षमता वाले अपना घर आश्रम में वाटर सप्लाई सिस्टम और पानी की टंकियों की सफाई के इन्तजामों पर सवाल खड़े हो रहे हैं.

वहीं जिला स्वस्थ अधिकारी ने इस मामले के बाद अपना घर आश्रम के वाटर टेंको की भी जांच की तो पानी की टंकियों में बड़े पैमाने पर गंदगी मिली और जिला स्वास्थ अधिकारी ने बयान दिया की संभवतया दूषित पानी विमंदितों की मौत के लिए वजह रहा क्योंकि एक तरफ तो पानी की टंकियों में गंदगी मिली. वहीं दूसरी तरफ बोरवेल का पानी भी विमंदितों को दिया जा रहा था माना जा रहा है कि बारिश के दौरान बोरवेल के पानी में कोई गंदगी आई और दूषित पानी इस पूरी घटना का वजह बना.

लापरवाही और लापरवाही की हद स्पष्ट तौर पर इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि बड़े पैमाने पर लापरवाही बरती गई. चाहे दूषित पानी की बात हो या फिर मामले को दबा देने की बात हो समय पर इलाज शुरू होता तो शायद जान नहीं जाती 3 विमंडित मौत के आगोश में नहीं जाते अब देखना होगा कि स्वास्थ्य महकमा और प्रशासन के स्तर पर किस तरह की कार्रवाई मौत बांटने वाले अपना घर आश्रम पर होती है.

Reporter: Himanshu Mittal

 

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