बड़ी कंपनियों की बजाय किसान हितैषी हो प्रदेश खनन नीति: बीजेपी नेता धनंजय सिंह
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बड़ी कंपनियों की बजाय किसान हितैषी हो प्रदेश खनन नीति: बीजेपी नेता धनंजय सिंह

खींवसर उपखंड क्षेत्र में जेके लक्ष्मी और अंबुजा जैसी बड़ी कंपनियों को केमिकल ग्रेड के लाइम्स्टोन के ब्लॉक आवंटित किए जा रहे हैं. यह लाइम्स्टोन देश में उच्चतम ग्रेड और सबसे अच्छा क्वालिटी का माना जाता है. 

बड़ी कंपनियों की बजाय किसान हितैषी हो प्रदेश खनन नीति: बीजेपी नेता धनंजय सिंह

Khinsvar: नागौर जिले के खींवसर उपखंड क्षेत्र में जेके लक्ष्मी और अंबुजा जैसी बड़ी कंपनियों को केमिकल ग्रेड के लाइम्स्टोन के ब्लॉक आवंटित किए जा रहे हैं. यह लाइम्स्टोन देश में उच्चतम ग्रेड और सबसे अच्छा क्वालिटी का माना जाता है. इस तरह बड़ी कंपनियों को खान ब्लॉक का आवंटन करने से किसानों को कोई मदद नहीं मिलती है. सरकार से मांग की गई है कि किसानों को भी खनन करने के लिए पट्टे जारी किये जाए. 

उपखंड सहित क्षेत्र के आस पास लाइमस्टोन के बड़े भंडार को देखते हुए देश की बड़ी बड़ी कम्पनियां के खींवसर में निवेश कर रही हैं. इस दौरान क्षेत्र के किसानों को कोई फायदा नहीं मिल रहा है. सरकार सीधा इन बड़ी कंपनियों को फायदा पंहुचा रही है. इस पर भाजपा नेता धनंजय सिंह खींवसर ने मांग की है कि यहां हो रहे खानों के आवंटन को लेकर बनी वर्तमान खनन नीति में व्यापक परिवर्तन की आवश्यकता है. खींवसर ने कहा कि वर्तमान में खींवसर और नागौर क्षेत्र में लाइम्स्टोन की बहुलता है. इस क्षेत्र में जेके लक्ष्मी और अंबुजा जैसी बड़ी कंपनियों को केमिकल ग्रेड के लाइम्स्टोन के ब्लॉक आवंटित किए जा रहे हैं. 

यह लाइम्स्टोन देश में उच्चतम ग्रेड और सबसे अच्छा क्वालिटी का माना जाता है. इस तरह बड़ी कंपनियों को खान ब्लॉक का आवंटन करने से किसानों को कोई मदद नहीं मिलती है क्योंकि इस प्रक्रिया से उन्हें अपनी भूमि बेचकर एकमुश्त लाभ मिलता है, जबकि अगर छोटे पट्टों की अनुमति दी जाती है, तो किसान को मासिक कमाई करके 25 साल तक का लाभ मिल सकता है. 

किसान इस जमीन पर अभी खेती कर रहा है, लेकिन आवंटन से उसे एक मुस्त राशि तो मिल जाएगी, लेकिन किसान को खेती से दूर करना सही नहीं है. किसान की कमाई का जरिया सिर्फ खेती ही है इसलिए अगर सरकार उससे काम छीन रही है तो उसको भी पट्टे जारी करके वापस काम दें, जिससे अपनी आजीविका चला सकें. 

उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से सीमेंट कारखानों और बड़े संयंत्रों को विशाल हेक्टेयर ब्लॉकों के साथ आवंटित करने का कोई औचित्य नहीं है, क्योंकि यह कंपनियां इनका उपयोग अपने संयंत्र के लिए करते हैं. किसान और अन्य छोटे खान मालिक यदि इन बड़े संयंत्रों की आपूर्ति करते हैं, तो इससे उनका आर्थिक उत्थान होने के साथ क्षेत्र का विकास भी होगा. खींवसर ने कहा कि वर्तमान समय मे किसान पहले से ही पीड़ित हैं और इस तरह बड़ी कंपनियों को अपनी जमीन बेचकर और सरकारी भूमि का आवंटन होने से उनकी स्थिति ओर अधिक खराब हो रही है. 

खींवसर ने मांग की है कि सरकार को अपनी वर्तमान खनन नीति पर पुनर्विचार करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि स्थानीय संसाधनों से स्थानीय लोगों को अधिक से अधिक लाभ मिले. इस दौरान आसूसिंह, उम्मेद सिंह, श्रीकृष्ण उपाध्याय, सुरेंद्र बोराणा मौजूद रहे. 

Reporter-Damodar Inaniya

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