पेंटिंग के क्षेत्र में अनूठी छाप छोड़ने वाले आर्टिस्ट सेन की पेंटिंग को ने केवल सराहा गया बल्कि कई अवार्ड भी मिल चुके हैं.राजस्थान ललित कला अकादमी और जोधपुर के महाराजा गजे सिंह ने पन्ना लाल को बड़ा इनाम भेंट किया है.
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नागौर: जिले के डेगाना उपखण्ड के भकरी गांव के पन्ना लाल सेन चित्र कला में अपनी अनूठी छाप छोड़ने में लगे हुए हैं. इसका सबसे बड़ा उदाहरण सन 2007 में जोधपुर के महाराजा गजे सिंह ने आर्टिस्ट पन्ना लाल सेन के द्वारा महाराजा उम्मेद सिंह की हूँबहु प्रोटैच भेंट करने की वजह से राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया.
दीवारों पर पेंटिंग उकेरना बना जीवन का मकसद
पन्ना लाल सेन की शिक्षा वैसे तो गांव में ही हुई थी, लेकिन 8 वर्ष की उम्र में ऐतिहासिक राजस्थानी मेलों में जाकर प्रतिभा को दिखाने से शुरू हुए पेंटिंग हुनर को जीवन में उतार लिया. अब राष्ट्रीय लेवल से लेकर अंतराष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रमों में पार्टिसिप्ट करना देश -विदेश में अलग पहचान बना चुके हैं. इन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा ग्रामीण क्षेत्र से करने के बाद एम.ए.पेंटिंग के क्षेत्र में ली. उसके बाद पेंटिंग के क्षेत्र में डिप्लोमा लेने के लिए चित्र भास्कर, चित्र भूषण, चित्र विशारद सहित नेशनल ओर इंटरनेशनल कॉम्पिटिशन में भाग लेकर पेंटिंग के क्षेत्र में नाम कमाना शुरू कर दिया.
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27 साल से बना चुके हैं 3000 से ज्यादा पेंटिंग
पेंटिंग के क्षेत्र में नाम कमाने वाले पन्ना लाल सेन को राजस्थान ललित कला अकादमी में लगातार 11 बार भाग लेने के बाद 2022 में राजस्थान ललित कला अकादमी ने राज्य स्तर पर सम्मानित किया. साथ ही सत्येंद्र फाउंडेशन ने एसएसआईएफ ग्लोबल अवार्ड 2022, भारत सरकार के द्वारा आयोजित इंटरनेशनल अचीवमेंट अवार्ड 2021, राजस्थान ललित कला के तहत आयोजित 18वां कला मेला अवार्ड, आजादी अमृत महोत्सव में भारत माता के चित्रण में महत्वपूर्ण भूमिका के तहत उत्कृष्ट कार्य करने पर, छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस पर दीवारों पर पर्यावरण सरक्षण का महत्व अंकन करना, जय नारायण व्यास कॉलेज जोधपुर के द्वारा छात्र सेवा अवार्ड सहित अंतराष्ट्रीय हवाई हड्डा जयपुर में देश हित के क्षेत्र में चित्र अंकन करने के मामले में राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है.
पुरानी कला जीवत रखना ही बना जीवन का मकसद
आर्टिस्ट पन्ना लाल सेन की पेंटिंग की कला हिमाचल, गोवा, उत्तरप्रदेश,हरियाणा सहित विदेश में भी पहचान बन चुकी है. इन्होंने अपने जीवन को पुरानी सांस्कृतिक, पर्यावरण, सामाजिक क्षेत्र में समाप्त होने वाली पुरातन की कला को जीवत रखना ही जीवन का अहम मकसद बन चुका है. इन्होंने पर्यावरण को साफ-सुथरा रखने के लिए सार्वजनिक दीवारों को उकरेना, पुराने राजा-महाराजाओं के द्वारा बनाई गईं कला संस्कृति को पुन जीवत करने सहित विभिन्न क्षेत्र की कला कों आम लोगों तक पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं.
REPORTER - DAMODAR INANIYAN