डेगाना में जयगुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था की ओर से आध्यात्मिक धर्मसभा का हुआ आयोजन,उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
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डेगाना में जयगुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था की ओर से आध्यात्मिक धर्मसभा का हुआ आयोजन,उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

डेगाना क्षेत्र के हरसौर कस्बे की हनुमान वाटिका में जयगुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था मथुरा की ओर से आध्यात्मिक धर्मसभा का आयोजन हुआ.

डेगाना में जयगुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था की ओर से आध्यात्मिक धर्मसभा का हुआ आयोजन,उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

Nagaur: डेगाना क्षेत्र के हरसौर कस्बे की हनुमान वाटिका में जयगुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था मथुरा की ओर से आध्यात्मिक धर्मसभा का आयोजन हुआ. सभा में पहुँचे सन्त जयगुरुदेव महाराज के उत्तराधिकारी पंकज महाराज का प्रधान जसवंत सिंह थाटा की अगुवाई में सर्व समाज के लोगों ने स्वागत किया.

यूपी के मथुरा से निकली 82 दिनों की धर्मयात्रा के 63वें दिन बोलते हुए पंकज महाराज ने कहा कि बाबा जी का कहना है कि शाकाहारी रहना है. सभी लोग शाकाहार अपनाएं, नशा मुक्त जीवन जिए, दूसरों पर रहम करें, दया करें. मजहब के नाम पर लड़ना-झगड़ना इंसानों का काम नहीं हैवानों का काम है. अब तो सबको ठंडक, छाया, शांति सुकून की जरुरत है. सन्तों महात्माओं का सत्संग वह जल है, जिसमें कौआ स्नान करके हंस बनकर निकलता है.

सत्संग में किसी जाति, धर्म, व्यक्ति की आलोचना नहीं की जाती बल्कि ईश्वर के भजन भक्ति के प्रति प्रेम, प्यार पैदा किया जाता है. यह अमोलक मानव शरीर चौरासी लाख योनियों में सर्वश्रेष्ठ हैं. इसमें प्रभु के पास जाने का एक दरवाजा है, जिसका भेद सन्त महात्मा फकीर जानते हैं. मनुष्य होने के कारण हमें यह विचार करना चाहिए कि जिस प्रकार हम लोग ईंट-पत्थर का मन्दिर बनाते है ,तो उसमें मांस, मछली, अण्डा, शराब जैसे अखाद्य पदार्थों को नहीं डालते है. उसको साफ-सुथरा रखते हैं. उसी प्रकार प्रभु के बनाये हुए इस तनरूपी मन्दिर में जिसमें ईश्वर अंश चेतन जीवात्मा रूह बैठी हुई है, इसे साफ रखे. इसलिए मांस, शराब, अण्डे जैसी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए. क्योंकि जब हम तनरूपी मन्दिर को गन्दा कर लेंगे, तो इस गंदे शरीर से मन्दिर में पूजा कैसे करेंगे.

पूजा करने का साधन शरीर है. यदि आप अशुद्ध आहार औरनशों का सेवन करेंगे तो नर्कों में इसकी कठोर यातनाएं आपकी जीवात्मा को भोगनी पड़ेगी. उन्होंने आगे कहा कि आज युवाओं में अच्छी शिक्षा के साथ अच्छे संस्कार की जरूरत है. अच्छे संस्कार के अभाव में आज भारतवर्श में वृद्धाश्रमों की संख्या बढ़ती जा रही है. अच्छे संस्कार सन्त-महात्माओं के सत्संग से आते हैं. हिन्दू-मुसलमान, सिख-इसाई सभी में ईश्वर अंश की जीवात्मा बैठी है.

सभी लोग आपस में मिल जुलकर प्रेम से रहें. धर्म-मजहब के नाम पर लड़ाई करना शैतानों, हैवानों का काम है. अपने गुरु महाराज बाबा जयगुरुदेव का बखान करते हुये कहा कि हमारे महाराज ने आजीवन अच्छे समाज के निर्माण के लिए शाकाहार, सदाचार, मद्यनिषेध का अभियान चलाया. चरित्र उत्थान, मानव प्रेम, अहिंसा, परोपकार आदि गुणों के विकास व प्रभु के भजन भक्ति में लोगों को लगने के लिए अकूत मेहनत किया. अपनी आध्यात्मिक शक्ति का सहारा देकर करोड़ों लोगों को प्रभु की भक्ति में लगाया.

कार्यक्रम में ये रहे मौजूद

कार्यक्रम में प्रधान जसवंत सिंह थाटा, पीईओ महावीर सिंह, सरपंच प्रतिनिधि सुल्तान मोहम्मद, महामन्त्री बाबूराम यादव, प्रबन्धक सन्तराम चौधरी, दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष विजयपाल सिंह, घनश्याम सिंह, दुर्गासिंह राठौड़, शिवप्रकाश ओझा, बुधराज सोनी, पुखराज चौकीदार, चेतन सिंह, रिजवान अली सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे.

Reporter- DAMODAR INANIYAN

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